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संविधान में विश्वास करती है भाजपा : सपा विधायक नितिन

समाजवादी पार्टी (सपा) के बागी विधायक और उत्तर प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष पद के प्रत्याशी नितिन अग्रवाल ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रशंसा करते हुए कहा कि सत्तारूढ़ दल विधानसभा उपाध्यक्ष जैसी संस्था में विश्वास रखता है इसलिए 14 साल बाद वह इस पद के लिए चुनाव करा रहा है.

नितिन अग्रवाल
नितिन अग्रवाल

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Published : Oct 17, 2021, 9:34 PM IST

लखनऊ :समाजवादी पार्टी (सपा) के बागी विधायक और उत्तर प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष पद के प्रत्याशी नितिन अग्रवाल ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रशंसा करते हुए रविवार को कहा कि सत्तारूढ़ दल विधानसभा उपाध्यक्ष जैसी संस्था में विश्वास रखता है इसलिए 14 साल बाद वह इस पद के लिए चुनाव करा रहा है.

हरदोई से तीन बार विधायक चुने जा चुके नितिन ने विधानसभा उपाध्यक्ष पद का नामांकन दाखिल करने के बाद ‘पीटीआई-भाषा' से बातचीत में आरोप लगाया कि 2007 के बाद राज्य में बनी सरकारों ने विधानसभा उपाध्यक्ष के पद पर किसी की भी नियुक्ति नहीं की क्योंकि उन्हें इस संवैधानिक पद में विश्वास ही नहीं था.

उन्होंने कहा, 'मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार का धन्यवाद देना चाहूंगा कि वे संविधान और विधानसभा उपाध्यक्ष जैसे संवैधानिक पद पर विश्वास करते हैं.' आगामी विधानसभा चुनाव के चंद महीने पहले विधानसभा उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराने को लेकर राज्य सरकार की मंशा पर उठ रहे सवालों के बारे में नितिन ने कहा, 'हमेशा सरकार की मंशा पर सवाल क्यों उठाए जाने चाहिए? इसके अलावा ऐसा कोई नियम भी नहीं है कि विधानसभा अध्यक्ष के साथ-साथ उपाध्यक्ष का भी चुनाव कराया जाए.

विधानसभा अध्यक्ष जब भी उचित समझें तब उपाध्यक्ष का चुनाव कराया जा सकता है.' विधानसभा उपाध्यक्ष का चुनाव सोमवार को सदन के विशेष सत्र के दौरान कराया जाएगा. इस चुनाव में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने महमूदाबाद सीट से पार्टी विधायक नरेंद्र सिंह वर्मा को उम्मीदवार बनाया है. नितिन तकनीकी रूप से तो समाजवादी पार्टी के विधायक हैं लेकिन उन्हें सत्तारूढ़ भाजपा का समर्थन हासिल है लिहाजा उनका विधानसभा उपाध्यक्ष चुना जाना लगभग तय है.

इससे पहले वर्ष 2004 में राजेश अग्रवाल को विधानसभा उपाध्यक्ष निर्विरोध चुना गया था. वह 2007 तक इस पद पर रहे थे. उसके बाद से यह पद खाली है.

2019 के लोकसभा चुनाव से पहले नितिन के पिता और पूर्व राज्यसभा सदस्य नरेश अग्रवाल सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे. उसके बाद सपा ने नितिन की सदस्यता समाप्त करने की विधानसभा अध्यक्ष के सामने याचिका पेश की थी, मगर उसे विचारणीय नहीं मानते हुए खारिज कर दिया गया था.

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इस सवाल पर कि विधानसभा उपाध्यक्ष पद के चुनाव के जरिए उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार खुद से नाराज एक वर्ग को रिझाने की कोशिश कर रही है, नितिन ने कहा, 'राज्य सरकार ने समाज के सभी वर्गों के लिए काफी काम किया है. यह सरकार तुष्टीकरण की राजनीति में विश्वास नहीं करती.' उत्तर प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में इस वक्त भाजपा के 304 विधायक हैं. इसके अलावा सपा के 49, बहुजन समाज पार्टी के 16, कांग्रेस के सात, अपना दल सोनेलाल के नौ, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के चार, तीन निर्दलीय तथा दो असंबद्ध विधायक हैं. इसके अलावा राष्ट्रीय लोक दल तथा निषाद पार्टी के एक-एक विधायक है.

(पीटीआई-भाषा)

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