हैदराबाद : किसी भी राष्ट्र के विकास में संस्कृति की अहम भूमिका होती है. यह साझे तौर पर दृष्टिकोण, मूल्यों, लक्ष्यों और प्रथाओं के एक समूह का प्रतिनिधित्व करता है. संस्कृति और रचनात्मकता लगभग सभी आर्थिक, सामाजिक और अन्य गतिविधियों में प्रकट होती है. भारत जैसे विविधता वाला देश अपनी संस्कृति की बहुलता का प्रतीक है.
हाल ही में UNESCO की विश्व धरोहरों की सूची में तेलंगाना का रामप्पा मंदिर को शामिल किया गया है. यह मंदिर सूची में 39वें स्थान पर है.
अब तक की एक और ऐतिहासिक उपलब्धि में, तेलंगाना राज्य में वारंगल के पास, मुलुगु जिले के पालमपेट में स्थित रुद्रेश्वर मंदिर (जिसे रामप्पा मंदिर के रूप में भी जाना जाता है) को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल की सूची में अंकित किया गया है. यह निर्णय यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति के 44वें सत्र में लिया गया. रामप्पा मंदिर, 13वीं शताब्दी के अनुपम स्थापत्य कला का प्रतीक है जिसका नाम इसके वास्तुकार, रामप्पा के नाम पर रखा गया था। इस मंदिर को सरकार द्वारा वर्ष 2019 के लिए यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में एकमात्र नामांकन के लिए प्रस्तावित किया गया था.
इस मंदिर के अलावा यूनेस्को की विश्व धरोहरों की सूची में भारत के 38 ऐतिहासिक स्थल शामिल हैं. वे हैं-
महाराष्ट्र की अजंता की गुफाएं, एलोरा की गुफाएं, उत्तर प्रदेश का आगरा का किला, ताजमहल, ओडिशा का कोणार्क स्थित सूर्य मंदिर, तमिलनाडु के महाबलीपुरम में स्मारकों का समूह, असम का काजीरंगा नेशनल पार्क, मानस वन्यजीव अभयारण्य, राजस्थान का केवलादेव नेशनल पार्क, गोवा के चर्च और कॉन्वेंट, मध्य प्रदेश के खजुराहो स्मारकों का समूह, कणार्टक के हम्पि के स्मारकों का समूह, उत्तर प्रदेश का फतेहपुर सिकरी, कर्णाटक का पट्टाडकल के स्मारकों का समूह, महाराष्ट्र के एलीफेंटा की गुफाएं, तमिलनाडु का महान जीवित चोल मंदिर, पश्चिम बंगाल का सुंदरबन नेशनल पार्क, उत्तराखंड का नंदा देवी नेशनल पार्क और फूलों की घाटी नेशनल पार्क, मध्य प्रदेश का सांची में बौद्ध स्मारक, दिल्ली का हुमायूं का मकबरा, कुतुब मीनार और उसके स्मारक, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु व हिमाचल प्रदेश में भारत की पर्वतीय रेलवे, बिहार के बोधगया का महाबोधि मंदिर परिसर, मध्य प्रदेश के भीमबेटका के रॉक शेल्टर, महाराष्ट्र का छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, गुजरात का चंपानेर-पावागढ़ पुरातत्व उद्यान, दिल्ली का लाल किला, राजस्थान के जयपुर का जंतर मंतर, महाराष्ट्र, कर्णाटक, केरल, तमिलनाडु में पश्चिमी घाट पर्वत श्रृंखला, राजस्थान के पहाड़ी किले, गुजरात की रानी की बावड़ी, हिमाचल प्रदेश का ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क, बिहार के नालंदा महाविहार का पुरातत्व स्थल, सिक्किम का कंचनजंगा बायोस्फीयर रिजर्व और नेशनल पार्क, चंडीगढ़ के ले कॉर्बूसियर का आर्किटेक्चरल कार्य, गुजरात के अहमदाबाद का ऐतिहासिक शहर, महाराष्ट्र के मुंबई का विक्टोरियन और आर्ट डेको एनसेंबल, राजस्थान की जयपुर सिटी.
अजंता की गुफाएं
अजंता की गुफाएं वर्ष 1983 में UNESCO द्वारा वैश्विक धरोहरों की सूची में जोड़ी गयी थी. अजंता की गुफाओं को बौद्ध धर्म से जोड़ कर देखा जाता है और भारतीय इतिहास के अनुसार अजंता की गुफाओं का निर्माण सम्राट अशोक के शासनकाल और गुप्त काल में मिलकर किया गया था. अजंता की गुफाओं में कई रॉक-कट गुफा स्मारक हैं जो बौद्ध धर्म की धार्मिक कला और मूर्तिकला का अद्वितीय उदाहरण पेश करते हैं.
एलोरा की गुफाएं
एलोरा की गुफाओं को UNESCO ने 1983 में विश्व धरोहरों की सूची में जोड़ा था. एलोरा की गुफाएं, बौद्ध, हिंदू और जैन धर्म की धार्मिक कलाओं का एक सांस्कृतिक मिश्रण है. एलोरा की गुफाओं में दो कि.मी. की लंबाई तक बेसाल्ट चट्टान की दीवारों में तराशे गए मठों और मंदिरों को देखा जाता है. भारतीय इतिहासकारों के अनुसार एलोरा की गुफाओं का निर्माण 600 ईस्वी से लेकर 1000 ईस्वी के बीच हुआ था.
आगरा का लाल किला
आगरा का लाल किला भी भारत के उन चार प्रथम विश्व धरोहरों में से है जिनको UNESCO ने 1983 में विश्व धरोहर स्थलों की सूची में जोड़ा था. आगरा का यह किला उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में यमुना नदी के किनारे निर्मित है जो भारत में मुगल काल की कला और संस्कृति की याद दिलाता है. आगरा का किला लाल बलुआ पत्थर से निर्मित है, जिसकी वजह से यह लाल किला के नाम से जाना जाता है. लेकिन दिल्ली में भी एक लाल किला होने के कारण इसको आगरा का लाल किला कहा जाता है.
दिल्ली का ताज महल
ताज महल भी विश्व धरोहर स्थलों की सूची में वर्ष 1983 में जोड़ा गया था. ताज महल की गिनती विश्व के सात अजूबों में भी की जाती है. यह उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में यमुना नदी के किनारे स्थित है और इसका निर्माण मुगल शासक शाहजहां ने कराया था.
सूर्य मंदिर, कोणार्क
ओडिशा के पुरी जिले में स्थित कोणार्क सूर्य मंदिर को विश्व धरोहर स्थलों की सूची में 1984 में जोड़ा गया था. कोणार्क सूर्य मंदिर बंगाल की खाड़ी के पूर्वी तट पर स्थित है.
महाबलीपुरम स्मारकों का समूह
महाबलीपुरम स्मारकों के समूह को भी 1984 में ही UNESCO द्वारा विश्व धरोहर स्थलों की सूची में जोड़ा गया था. यह तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से लगभग 58 कि.मी. की दूरी पर स्थित है और महाबलीपुरम में स्मारकों के समूह को पल्लव राजाओं ने सातवीं और आठवीं शताब्दी में बनवाया था.
असम का काजीरंगा नेशनल पार्क
काजीरंगा नेशनल पार्क असम में स्थित है और इसे 1985 में विश्व धरोहर स्थलों की सूची में जोड़ा गया था. काजीरंगा नेशनल पार्क असम में ब्रह्मपुत्र नदी के दक्षिणी तट के बाढ़ के मैदानों में स्थित है और इसको अपने अद्भुत प्राकृतिक वातावरण के कारण विश्व धरोहर स्थल के रूप में घोषित किया गया था. काज़ीरंगा नेशनल पार्क भारतीय एक सींग वाले गैंडे की मौजूदगी के लिए भी जाना जाता है.
मानस वन्यजीव अभयारण्य
मानस वन्यजीव अभयारण्य को 1985 में विश्व धरोहर स्थल का दर्जा प्राप्त हुआ था. यह असम राज्य में स्थित है, जो हिमालय की तलहटी में मानस नदी के मैदानी इलाकों में लगभग 120,000 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है. मानस वन्यजीव अभयारण्य को अपने अद्भुत और अद्वितीय प्राकृतिक वातावरण के कारण विश्व धरोहर स्थल के रूप में घोषित किया गया था.
केवलादेव नेशनल पार्क
केवलादेव नेशनल पार्क को भी 1985 में UNESCO द्वारा विश्व धरोहर स्थलों की सूची में अंकित किया गया था. केवलादेव नेशनल पार्क भारत के राजस्थान राज्य के भरतपुर जिले में स्थित है और 6880 एकड़ के क्षेत्रफल में फैला हुआ है.
गोवा के चर्च और कॉन्वेंटों
गोवा के चर्च और कॉन्वेंटों को 1986 में UNESCO की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में जोड़ा गया था. गोवा के विभिन्न चर्च और कॉन्वेंट 16वीं और 18वीं शताब्दी के बीच विभिन्न पुर्तगाली शासकों द्वारा बनवाये गए थे.
खजुराहो स्मारकों का समूह
खजुराहो स्मारकों के समूह को 1986 में विश्व धरोहरों की सूची में अंकित किया गया था. खजुराहो के स्मारक मध्य प्रदेश के छतरपुर जिला खजुराहो शहर में स्थित हैं. खजुराहो के स्मारक चंदेल वंश के समय की कला और संस्कृति की याद दिलाते हैं.
हम्पी के स्मारकों का समूह
हम्पी के स्मारकों के समूह को 1986 में विश्व धरोहरों की सूची में शामिल किया गया था. हम्पी के स्मारक कर्नाटक राज्य में स्थित हैं और हम्पी, तुंगभद्रा नदी के तट पर स्थित एक शहर है. यदि आज की बात की जाए तो हम्पी के बहुत से स्मारक खंडहरों में तब्दील हो चुके हैं परन्तु वहां पर आज भी मौजूद कई द्रविड़ मंदिर और महल विजयनगर के शक्तिशाली साम्राज्य की याद दिलाते हैं. हम्पी एक महत्वपूर्ण हिंदू और जैन धार्मिक केंद्र के रूप में जाना जाता है.
फतेहपुर सिकरी
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर सीकरी शहर को UNESCO द्वारा 1986 में विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया गया था. फतेहपुर सीकरी का निर्माण मुग़ल शासक अकबर ने कराया था. यह 16वीं शताब्दी में कई वर्षों तक मुगल साम्राज्य की राजधानी रही, जहां पर सम्राट अकबर के शासनकाल के दौरान राजदरबार भी लगाया जाता था. फतेहपुर सीकरी में आज भी मुग़ल कला और संस्कृति के कई अवशेष और संरचनाएं देखी जा सकती हैं.
पट्टाडकल के स्मारकों का समूह
पट्टाडकल के स्मारकों के समूह को 1987 में विश्व धरोहर स्थलों की सूची में रखा गया था. पट्टाडकल के स्मारक कर्नाटक राज्य के उत्तरी भाग में स्थित हैं और इनमें नौ हिन्दू मंदिर और एक जैन अभयारण्य मौजूद हैं. इन असाधारण मंदिरों का निर्माण चालुक्य साम्राज्य के समय किया गया था.
एलीफेंटा की गुफाएं
एलिफेंटा की गुफाएं, जो कि मुंबई में स्थित हैं, को 1987 में विश्व धरोहरों की सूची में शामिल किया गया था. एलीफेंटा की गुफाएं मुंबई शहर के पूर्व में अरब सागर में एलिफेंटा द्वीप पर स्थित हैं. अरब सागर की एक भुजा पर स्थित इस द्वीप में गुफाओं के दो समूह हैं – पांच हिंदू गुफाओं का पहला बड़ा समूह और दो बौद्ध गुफाओं का दूसरा छोटा समूह.
महान जीवित चोल मंदिर
महान जीवित चोल मंदिर को 1987 में विश्व धरोहरों की सूची में शामिल किया गया था. यह भारत के दक्षिण में तमिलनाडु राज्य में स्थित हैं, जिनका निर्माण चोल साम्राज्य के राजा ने किया था.
सुंदरबन नेशनल पार्क
सुंदरबन नेशनल पार्क को 1987 में विश्व धरोहरों की सूची में शामिल किया गया था. सुंदरबन नेशनल पार्क एक नेशनल पार्क (राष्ट्रीय उद्यान) होने के साथ-साथ बाघ अभयारण्य, बायोस्फीयर रिजर्व और दुनिया का सबसे बड़ा मुहाना मैंग्रोव वन भी है. यह पश्चिम बंगाल में बंगाल की खाड़ी की सीमा से लगे सुंदरबन गंगा नदी डेल्टा में स्थित है. सुंदरबन डेल्टा का कुछ भाग बांग्लादेश में और कुछ भारत में है.
नंदा देवी नेशनल पार्क और फूलों की घाटी नेशनल पार्क
नंदा देवी नेशनल पार्क और फूलों की घाटी नेशनल पार्क उत्तराखंड में स्थित हैं.