अगरतला : त्रिपुरा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत मोहंती और न्यायमूर्ति एस तालापात्रा की खंडपीठ ने इस संबंध में अदालत द्वारा दर्ज एक स्वत: संज्ञान याचिका में कैदियों का एचआईवी टेस्ट कराने का आदेश पारित किया है.
कोर्ट ने कहा कि भारत के राज्य और संघ को निर्देश दिया जाता है कि वे एड्स कंट्रोल सोसाइटी के सहयोग से अपने अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करें ताकि राज्य की जेलों में रहने वाले सभी व्यक्तियों, कैदियों या विचाराधीन कैदियों के रूप में पूरी तरह से शोध किया जा सके. ताकि यह पता लगाया जा सके कि पॉजिटिव हैं या नहीं.
इस तरह के किसी भी विचाराधीन कैदी या कैदी को एचआईवी हो सकता है और यदि ऐसा कोई व्यक्ति पाया जाता है, तो उनके इलाज और देखभाल के लिए आवश्यक कार्रवाई भी कानून के अनुसार की जा सकती है. कोर्ट ने आगे निर्देश दिया कि यह तत्काल आधार पर किया जाना चाहिए ताकि एड्स जेलों में महामारी न बने.