लखनऊ: भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी केंद्रीय जीएसटी कमिश्नर सोमेश तिवारी को हिंदी में पत्राचार करना भारी पड़ गया. कानपुर में सीजीएसटी कमिश्नर के पद पर कार्यरत सोमेश तिवारी ने हिंदी पखवाड़ा दिवस के अवसर पर हिंदी में पत्राचार किया जो उनके ट्रांसफर का बड़ा कारण बन गया. ट्रांसफर के बाद उन्होंने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अधिकारियों पर अंग्रेजों के गुलाम होकर अंग्रेजियत की ही वकालत करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि हिंदी को बढ़ावा देने के बजाय गुलामों की अंग्रेजी को बढ़ावा दिया जा रहा है.
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड यानी सीबीएसई ने हिंदी में पत्राचार करने से नाराज होकर उनका स्थानांतरण कानपुर से आंध्र प्रदेश के गुंटूर में कर दिया है. इस पूरे मामले की केंद्रीय जीएसटी कमिश्नर कानपुर रहे सोमेश तिवारी ने प्रधानमंत्री कार्यालय से शिकायत करके जांच की मांग की है. इसके साथ ही नियमों को दरकिनार करते हुए हजारों किलोमीटर दूर गुंटूर में किए गए ट्रांसफर के विरोध में केंद्रीय जीएसटी कमिश्नर सोमेश तिवारी ने हाई कोर्ट में अपनी अपील दायर की है.
कानपुर में केंद्रीय जीएसटी कमिश्नर के पद पर तैनात सोमेश तिवारी राजभाषा का काम करते हुए राजभाषा के प्रचार प्रसार के लिए पत्रिका भी निकालते हैं. साथ ही राजभाषा में पत्राचार भी करते हैं. केंद्रीय जीएसटी विभाग में होने वाले अंग्रेजी के कामकाज का वह लगातार विरोध करते हैं. इस संबंध में उन्होंने पहले भी पत्राचार करके शिकायत की है इसी के चलते केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने उनका स्थानांतरण कानपुर से आंध्र प्रदेश के गुंटूर में कर दिया है. इस पूरे मामले की शिकायत अब उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की है.