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टमाटर की बंपर पैदावार के बावजूद किसानों को नहीं मिल रहे लागत के बराबर दाम

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Published : Nov 22, 2022, 7:57 AM IST

फसल होने के बाद किसान को 20 किलो टमाटर खेत से निकालने के लिए लगभग 20 रुपये खर्च करने पड़ते हैं. उसके बाद 5 रुपये प्रति 20 किलो पैकिंग और फिर 20 रुपये प्रति 20 किलो ढुलाई का खर्च आता है. बाजार में टमाटर मोटे तौर पर 45 रुपये प्रति किलो बिकता है तो किसानों की उम्मीद रहती है कि उन्हें 50 से 60 रुपये प्रति किलो आमदनी हो. व्यापारी किसानों के टमाटर दो से तीन रुपये में खरीदते हैं.

The buffer yield reduced the price of tomatoes in the market
बंफर पैदावार ने बाजार में घटाई टमाटर की कीमत

नासिक : महाराष्ट्र के टमाटर किसानों के सामने कीमतों में आई गिरावट के कारण आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. मंडी समिति में एक किसान को 20 किलो टमाटर के प्रति कैरेट 40 से 50 रुपए मिलते हैं. जो खुदरा बाजार में 15 से 18 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है. जबकि किसानों को दो से तीन रुपये प्रति किलो ही मिल रहे हैं. किसानों को खेत से टमाटर निकालकर मंडी समिति के पास लाना महंगा पड़ रहा है.

फसल होने के बाद किसान को 20 किलो टमाटर खेत से निकालने के लिए लगभग 20 रुपये खर्च करने पड़ते हैं. उसके बाद 5 रुपये प्रति 20 किलो पैकिंग और फिर 20 रुपये प्रति 20 किलो ढुलाई का खर्च आता है. बाजार में टमाटर मोटे तौर पर 45 रुपये प्रति किलो बिकता है तो किसानों की उम्मीद रहती है कि उन्हें 50 से 60 रुपये प्रति किलो आमदनी हो. व्यापारी किसानों के टमाटर दो से तीन रुपये में खरीदते हैं.

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फिर उसी टमाटर को अन्य शहरों, राज्यों में व्यापारियों को 6 से 7 रुपये में बेचा जाता है, फिर एक अन्य व्यापारी 10 से 11 रुपये में खुदरा विक्रेता को बेचता है और अंत में उपभोक्ता उसी टमाटर को 15 से 18 रुपये में खरीदता है. ऐसे में किसानों को मुनाफा तो दूर, ढुलाई का खर्चा भी नहीं निकला. नासिक जिले में बड़ी मात्रा में टमाटर का उत्पादन होता है. किसान दिन-रात मेहनत कर टमाटर की कटाई करते हैं. इस बार अंतिम समय में बारिश की वापसी से किसानों को फसल बचाने के लिए लाखों रुपए खर्च करने पड़े.

आवक बढ़ने से भाव गिरे: फिलहाल बैंगलुरू में भी टमाटर का सीजन शुरू हो गया है. मध्य प्रदेश, गुजरात राज्यों में स्थानीय टमाटरों की आवक बढ़ गई है. जिससे टमाटर की कीमतों में गिरावट आ गई है. पिछले साल महाराष्ट्र को छोड़कर अन्य राज्यों के टमाटर उत्पादक क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण नुकसान हुआ था. इसलिए पूरे देश से महाराष्ट्र खासकर नासिक क्षेत्र से टमाटर की मांग आने लगी थी. लेकिन इस साल स्थिति कठिन है. किसानों का कहना है कि उन्हें उत्पादन की लागत भी नहीं निकल रही है.

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पिछले साल निफाड़ तालुका के पिंपलगांव बसवंत के किसानों को 500 से 600 रुपए प्रति कैरेट (20 किलो) का भाव मिला था. लेकिन इस बार राजस्थान, बंगलौर, शिवपुरी, गुजरात राज्यों में स्थानीय गांवों से टमाटर की अच्छी आवक के कारण यहां के किसानों को 50 रुपये से 80 रुपये प्रति कैरेट का ही भाव मिल रहा है. इससे उत्पादन लागत की वसूली भी मुश्किल हो गई है. टमाटर किसानों के सामने एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि कीटनाशक और मजदूरों का खर्चा कैसे निकाला जाये. एक फुटकर सब्जी विक्रेता ने बताया कि 300 रुपये की सब्जी खरीदने पर दो किलो टमाटर मुफ्त दिया जा रहा है.

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