चेन्नई :तमिलनाडु की छात्रा सांगवी ने दूसरे प्रयास में मेडिकल परीक्षा नीट में सफलता प्राप्त कर अपने परिवार के साथ-साथ अपने समुदाय का नाम रोशन किया है. अपने समुदाय से मेडिकल प्रवेश परीक्षा पास करने वाली एकमात्र लड़की है. तमिलनाडु के कोयंबटूर जिले के नानजप्पनुर गांव की रहने वाली छात्रा सांगवी का परिवार मालासर आदिवासी समुदाय से संबंध रखता है.
सांगवी ने नीट की परीक्षा में 202 अंक अपने पिता के सपने को पूरा किया है. आदिवासी समुदाय से 12वीं पास होने का रिकॉर्ड भी इसी लड़की के नाम है. सांगवी ने मेडिकल परीक्षा नीट को दूसरे प्रयास में पास किया है. सांगवी इससे पहले भी नीट की परीक्षा में हिस्सा लिया था, लेकिन उसे सफलता नहीं मिल पाई थी.
नीट परीक्षा पास करने वाली सांगवी इस खबर को जानने के बाद तमिलनाडु सरकार के आदिवासी कल्याण विभाग के मंत्री कायलविझी सेल्वराज ने सांगवी से मुलाकात की और उपहार स्वरूप एक लैपटॉप भी दिया. साथ-साथ उन्होंने छात्रा के गांव में उच्च शिक्षा के लिए हर संभव सरकारी मदद का भी भरोसा दिया. मेडिकल परीक्षा पास करने वाली सांगवी का सपना डॉक्टर की पढ़ाई कर अपने समाज के गरीब और जरूरतमंद लोगों का मुफ्त इलाज करना है.
यह पढ़ें:कार्डियोलॉजिस्ट बनकर लोगों की सेवा करना चाहती हैं नीट टॉपर विजयालक्ष्मी
सांगवी के पिता की मृत्यु हो चुकी है और उसकी मां को आंख से दिखाई नहीं देता. गरीबी के कारण सांगवी को मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए अनेक मुश्किलों का सामना करना पड़ा है. विपरीत परिस्थितियों में नीट की परीक्षा पास करने वाली छात्रा सांगवी अपने गांव और समुदाय के साथ-साथ पूरे इलाके में एक आदर्श के रूप में स्थापित हो चुकी है.