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Home Loan EMI: होम लोन की ईएमआई का बोझ कम करने के टिप्स

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Published : Dec 20, 2021, 7:59 PM IST

Updated : Dec 20, 2021, 8:08 PM IST

बैंक से होम लोन लेकर घर खरीदना आसान तो हुआ है लेकिन कुछ वक्त बाद लोन चुकाना बोझ साबित होने लगता है. ईएमआई का गणित गड़बड़ाने लगता है. इसलिये जो लोग होम लोन चुकाकर तनाव मुक्त जीवन जीना चाहते हैं उनके लिए ईएमआई और होम लोन से जुड़ी शंकाओं को दूर करने के टिप्स जानिये

home loan
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हैदराबाद: घर खरीदना हर किसी का सपना होता है और जिसे पूरा करने के लिए लोग होम लोन (Home Loan) लेते हैं. होम लोन देने के लिए बैंक आपस में होड़ कर रहे हैं, जो घर खरीदना चाहते हैं, वे उनसे संपर्क कर रहे हैं. बैंक भी कम ब्याज दरों पर ऋण (Loan) मुहैया करवा रहे हैं. लेकिन, घर खरीदने वालों को पता होना चाहिए कि एक सावधानीपूर्वक योजना के साथ ईएमआई के बोझ (burden of home loan EMI) को कैसे कम किया जाए.

एक बार जब खरीदार घर खरीदने का फैसला कर लेते हैं, तो उन्हें एक उचित योजना बनाने की जरूरत होती है. होम लोन लेने के बाद घर की ईएमआई आपकी आय के 40 फीसदी तक हो सकती है, आपको यह पता लगाना होगा कि शेष राशि में घर के खर्च समेत अन्य तमाम खर्चे, बचत का प्रबंधन कैसे करेंगे. इसलिये हर महीने दी जाने वाली किस्तों (Home loan EMIs)के बोझ से जल्द से जल्द बाहर निकलने की योजना सोच समझकर बनानी चाहिए.

घर खरीदारों पर बोझ कम करने के लिए कुछ टिप्स (Tips to reduce the burden of home loan EMIs)

एक अतिरिक्त किस्त: खरीदार आमतौर पर एक वर्ष में 12 किस्तों का भुगतान करता है, लेकिन अगर वह लोन की किस्तों को जल्दी से पूरा करना चाहता है, तो उसे 13 किस्तों का भुगतान करना होगा. इस अतिरिक्त किस्त के लिए, खरीदार को अन्य स्रोतों से अर्जित अतिरिक्त आय का उपयोग करना होगा या अपने नियमित खर्चों में कटौती करनी होगी. इससे लोन की मूल राशि कम हो जाएगी और ऋण निर्धारित समय से पहले चुकाया जा सकेगा. बैंक और आवासीय लोन देने वाले (housing loan lenders) अस्थाई दर (floating rate) पर दिए गए होम लोन पर कोई अग्रिम शुल्क नहीं लेते हैं. अग्रिम रूप से ईएमआई का भुगतान करने से आपके क्रेडिट स्कोर में भी सुधार होगा.

खर्च नहीं उठा पा रहे: घर की किस्त का भुगतान करने के बाद, अगर खरीदार अपने अन्य खर्चों को पूरा करने में असमर्थ है. तो चिंता करने की जरूरत नहीं है. ब्याज दरों में कमी के साथ, EMI कम होना तय है. अधिक जानकारी के लिए संबंधित बैंकों और आवास ऋणदाताओं से संपर्क करें. इसके अलावा ऋण की अवधि बढ़ाने से ईएमआई कम हो जाएगी. जो अन्य खर्चे बढ़ने पर एक बेहतर विकल्प है. यह खरीदार को बिना किसी समस्या के अपने घरेलू खर्चों की देखभाल करने की अनुमति देगा और अगर आय में वृद्धि होती है, तो ईएमआई की राशि को उसी हिसाब से बढ़ाना ना भूलें.

इसके अलावा, अगर खरीदारों को कोई संपत्ति बेचने के बाद, या विरासत में मिली संपत्ति से पैसा मिलता है या किसी भी स्रोत से आय प्राप्त होती है तो होम लोन (Home Loan) को जल्द से जल्द चुकाने के लिए मूल राशि (Principle) के लिए ऋणदाता को पैसा दिया जा सकता है. जिससे, ब्याज भुगतान कम किया जाएगा.

वर्तमान में, होम लोन की दरें पहले के मुकाबले बहुत कम हैं. अगर खरीदार अभी भी लोन पर उच्च ब्याज (high interest on the loan) का भुगतान कर रहा है, तो उसे फिर से सोचने की जरूरत है. बल्कि, वह उस ऋण को दूसरे बैंक में स्थानांतरित करने का प्रयास कर सकता है. अगर ब्याज दर कम होती है, तो ईएमआई का बोझ कुछ हद तक कम हो जाएगा. हालांकि, फैसला लेने से पहले सभी तरह के शुल्क पर विचार करें.

अंत में, एक अच्छे जीवन यापन को ध्यान में रखते हुए ईएमआई आय के 40% से अधिक नहीं होनी चाहिए. इसलिए जितना हो सके किस्तों के बोझ को कम करने की कोशिश करें.

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Last Updated : Dec 20, 2021, 8:08 PM IST

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