भंडारा :महाराष्ट्र के भंडारा जिले में एक शख्स का मुर्गा शराबी हो गया है. मुर्गे को शराब की ऐसी लत लगी है कि वह बिना दारू पिए न तो खाना खाता है और न ही पानी पीता है. खास बात यह है कि इसके मालिक शराब नहीं पीते हैं, मगर मुर्गे के लिए शराब खरीदने पर महीने में उन्हें 2000 रुपये खर्च करना पड़ रहा है.
महाराष्ट्र के भंडारा जिले में पिपरी गांव के रहने वाले भाऊ कटोरे मुर्गी पालन करते हैं. उन्होंने कई नस्लों की मुर्गियां पाल रखी है. उनमें से एक मुर्गा इनके परिवारवालों के लिए चहेता बन गया है लेकिन घर के लोग इसकी इस बुरी आदत से परेशान है. यह मुर्गा पिछले कुछ महीनों से शराब का आदी बन चुका है. इतना ही नहीं मुर्गा बिना शराब पिए न तो पानी पीता है और न ही खाना खाता है. इस मुर्गे के लिए भाऊ कटोरे ठेके से शराब लाते हैं. जब मुर्गे के हलक से शराब उतरती है तो वह खाना-पीना शुरू कर देता है.
भंडारा (महाराष्ट्र ) का यह शराबी मुर्गा चर्चा का विषय बन गया है. कैसे शराबी बना मुर्गा : पिछले साल मुर्गा बीमार हो गया था. बीमारी के कारण मुर्गे ने खाना-पीना छोड़ दिया था. घर वाले अपने चहेते मुर्गे की हालत से चिंतित थे. इस बीच गांव के एक व्यक्ति ने इलाज के तौर पर मुर्गे को शराब पिलाने की सलाह दी. इस इलाके में लोग मुर्गों को बीमारी से बचाने के लिए कुछ महीनों तक मोहफुल की स्थानीय शराब देते है. लेकिन जब भाऊ कटोरे को मोहफुल वाली शराब नहीं मिली तो उन्होंने अपने मुर्गे को विदेशी शराब देना शुरू कर दिया. इसके बाद मुर्गा धीरे-धीरे बीमारी से तो ठीक हो गया, मगर तब तक पूरी तरह शराब का आदी हो गया.
भाऊ कटोरे बताते हैं कि अब उनका चहेता मुर्गा बिना शराब पिए पानी नहीं पीता. जब तक दो-चार घूंट शराब उसके हलक के नीचे नहीं जाती है, वह कुछ खाता-पीता नहीं है. अब उन्हें हर महीने शराब खरीदने पर 2000 रुपये खर्च करने पड़ते हैं, इसलिए वह चाहते हैं कि उसकी यह आदत छूट जाए. पशु चिकित्सकों ने उन्हें सलाह दी है कि यदि वे मुर्गे को शराब से छुटकारा पाना चाहते हैं तो उसे विटामिन वाली ऐसी दवाएं देना देनी चाहिए, जिनमें शराब जैसी गंध आती है . शराब की मात्रा धीरे-धीरे कम कर दी जाए तो मुर्गे को शराब की लत से भी छुटकारा दिलाया जा सकता है.
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