मंगलुरू: केरल के ज्योतिषी गोपालकृष्ण पणिक्कर ने विहिप और बजरंग दल द्वारा आयोजित तंबुला को संबोधित किया. प्राचीन काल में इस स्थान पर एक गुरमठ की उपस्थिति तंबुला के रुप में सामने आती है. अतीत में इसे शैव/वैष्णव विवाद द्वारा नष्ट कर दिया गया था. जो लोग इस जगह पर थे जब इसे नष्ट कर दिया गया तो वे यहां से चले गए. मठ को भी कहीं और स्थानांतरित कर दिया गया. हालांकि उन्हें पूरी तरह से स्थानांतरित नहीं किया गया है.
अब इस जगह के मालिकों सहित सभी को इसका कायाकल्प करना चाहिए. नहीं तो शहर खतरे में है जिसे तंबुला प्रसने में बताया गया है. इस क्षेत्र में शिव की लहर है. शिव सानिध्य हैं औ वे अपने पूर्वजों के घर में अभी भी पूजा कर रहे हैं. 21 अप्रैल को मंगलुरू के बाहरी इलाके में गंजीमथा के पास मलाली में एक मस्जिद के नवीनीकरण के दौरान मंदिर जैसी संरचना की खोज की गई थी. बाद में मंगलुरू के तहसीलदार ने उन्हें काम जारी न रखने की सलाह दी और फिर अदालत ने किसी भी काम को रोकने के लिए निषेधाज्ञा भी जारी की.
इस बीच विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने मलाली मस्जिद में मंदिर शैली की खोज पर अष्टमंगला आयोजित करने का फैसला किया. जिसे ज्योतिष में सर्वोच्च माना जाता है. प्रारंभिक पूछताछ में यह जानने के लिए किया गया है कि मस्जिद में कौन सी दैवीय शक्ति है और अष्टमंगला प्रसने कहां और कब रखें.