हैदराबाद :तेलंगाना के रहने वाले एक शख्स ने 2006 में ड्रैगन फ्रूट (dragon fruit) की खेती करने की ठानी और जो लक्ष्य निर्धारित किया था, उससे कहीं ज्यादा करके दिखा दिया. हम बात कर रहे हैं रंगारेड्डी जिले के अरुतला गांव के मंचला मंडल के रहने वाले विनापल्ली श्रीनिवास रेड्डी की.
विनापल्ली श्रीनिवास रेड्डी (Vinapalli Srinivasa Reddy) को ड्रैगन फ्रूट की खेती करने का विचार कैसे आया, इसकी कहनी भी बड़ी दिलचस्प है. विनापल्ली ने खुद से सवाल किया कि यह फल विदेशों से क्यों आयात किया जाता है, हमारे राज्य में क्यों नहीं उगाया जाता. बस फिर क्या था, उन्होंने इस फल को उगाने का फैसला कर लिया. इसके लिए उन्होंने ड्रैगन फ्रूट की फसल से संबंधित कई शोध और तकनीक सीखी और छह साल पहले इसकी खेती शुरू की.
जो सोचा था कर दिखाया
विनापल्ली ने ड्रैगन फ्रूट की खेती का जो लक्ष्य निर्धारित किया था, उन्हें उससे ज्यादा सफलता मिली. आज उन्हें इसकी फसल से अच्छा मुनाफा हो रहा है. श्रीनिवास रेड्डी ने कृषि क्षेत्र को आगे बढ़ाने और अन्य किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए अपनी सरकारी नौकरी भी छोड़ दी. वह इस खेती पर अपनी सफलता के अनुभव अन्य किसानों के साथ साझा करते हैं. वह अन्य किसानों को ड्रैगन फ्रूट की खेती करने के लिए जागरूक कर रहे हैं.
कम बारिश वाले क्षेत्रों में भी अच्छी उपज
श्रीनिवास रेड्डी बताते हैं कि ड्रैगन फ्रूट कम वर्षा वाले क्षेत्रों में भी खेती के लिए उपयुक्त है. इसे 10 से 40 डिग्री तापमान वाले क्षेत्रों में भी उगाया जा सकता है. इस फल की खेती ब्लैकबेरी (blackberry) भूमि को छोड़कर किसी भी जगह की जा सकती है. ड्रैगन फ्रूट का बाजार भाव 150 से 200 रुपये प्रति किलो है. उन्होंने बताया कि शुरू में इस फसल के लिए प्रति एकड़ 4 से 5 लाख रुपये खर्च होते हैं और एक साल बाद मुनाफा शुरू हो जाता है.
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