नई दिल्ली :नई शिक्षा नीति के तहत अब तकनीकी शिक्षा भी मातृभाषा में ही उपलब्ध होगी. कोरोना महामारी के बीच भी अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) ने पाठ्यक्रम को मातृभाषा में अनुवाद करने का काम जारी रखा है.
मंगलवार को शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास द्वारा 'कोरोना की परिस्थितियों में शिक्षण संस्थानों की भूमिका' विषय पर आयोजित एक ऑनलाइन परिचर्चा में देश के कई प्रमुख तकनीकी शिक्षण संस्थानों के शीर्ष पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए AICTE के अध्यक्ष डॉ. अनिल सहस्त्रबुद्धे ने बताया कि किस तरह देश की नई शिक्षा नीति को देश के तकनीकी संस्थानों में इसी वर्ष से लागू करने के लिए कार्य किए गए हैं.
उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षा को मातृभाषा में पढ़ाने के लिए सबसे पहले अनुवाद का काम शुरू किया गया जिसके लिए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद द्वारा एक सॉफ्टवेयर विकसित किया गया.
आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस की मदद से अब तक पांच भाषाओं में इंजीनियरिंग के प्रथम वर्ष के पूरे पाठ्यक्रम को मातृभाषा में अनुवादित कर लिया गया है और सत्र शुरू होने तक पुस्तकें भी प्रकाशित हो जाएंगी. अब तक तमिल, तेलगु,मराठी, बंगला और हिन्दी में प्रथम वर्ष के पाठ्यक्रम का अनुवाद किया जा सका है जबकि उड़िया, असमी और मलयाली भाषा पर काम चल रहा है.
भारत की कुल 11 मातृभाषा में उच्च शिक्षा का विकल्प देने का लक्ष्य नई शिक्षा नीति में रखा गया है लेकिन तकनीकी शिक्षा के पाठ्यक्रम को मातृभाषा में अनुवादित करना एक बड़ी चुनौती है.