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Tariq Fatah : क्यों तारिक फतेह अपने आप को बताते थे भारतीय ?

तारिक फतेह अपने आप को पाकिस्तान में पैदा हुआ भारतीय बताते थे. जहां वह एक तरफ इस्लामिक कट्टरपंथी समूहों के मुखर आलोचक थे, वहीं, दूसरी ओर धर्मनिरपेक्षता और मानवाधिकारों के प्रबल समर्थक भी थे.

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Published : Apr 25, 2023, 1:16 PM IST

Updated : Apr 25, 2023, 2:22 PM IST

नई दिल्ली : मशूहर लेखक, प्रसारक और सामाजिक कार्यकर्ता तारिक फतेह का सोमवार को 73 साल की उम्र में निधन हो गया. वह कैंसर के मरीज थे. उनकी बेटी नताशा फतेह ने ट्विटर पर उनके निधन की जानकारी दी. तारिक फतेह का जन्म 20 नवंबर 1949 में पाकिस्तान के कराची में हुआ था. फतेह 1980 के दशक की शुरुआत में कनाडा चले गए थे और तब से कनाडाई मीडिया और राजनीति में एक सक्रिय आवाज की तरह सुर्खियों में रहे. फतेह की पहचान पॉलिटिक्स और सोशल मामलों पर अपने मुखर विचारों से बनी है.

पिता तारिक फतह के साथ बेटी नताशा

तारिक फतेह ने हमेशा से खुद की पहचान, पाकिस्तान में पैदा हुआ भारतीय और इस्लाम में पैदा हुआ पंजाबी के रूप में बताया है. उन्होंने एक बार यह भी कहा था, "मैं कनाडा का एक ऐसा अप्रवासी हूं, जिसके विचार मुस्लिम और मार्क्सवादी युवा पर आधारित हैं. मैं सलमान रुश्दी के 'मिडनाइट्स चिल्ड्रन' के किरदार में से एक हूं." फतेह, इस्लामवाद की अपनी आलोचना के लिए जाने जाते थे. उनका तर्क था कि यह एक राजनीतिक विचारधारा है, जो एक वैश्विक इस्लामिक राज्य की स्थापना करना चाहती है.

तारिक फतह के साथ पत्नी नर्गिस

उन्होंने अपनी किताब, 'चेजिंग ए मिराज: द ट्रैजिक इल्यूजन ऑफ ए इस्लामिक स्टेट' में इस्लामवाद के इतिहास और उस पर मंडराते खतरों के बारे में बताया है. उन्होंने पश्चिम में कट्टरपंथी इस्लामवादी आंदोलनों के उदय के खिलाफ बात की थी.

पढ़ें :पाकिस्तान में जन्मे मशहूर लेखक तारिक फतेह का निधन

फतेह धर्मनिरपेक्षता और मानवाधिकारों के प्रबल समर्थक भी थे. उन्होंने यहूदी-विरोधी और धार्मिक और जातीय पूर्वाग्रह के अन्य रूपों के खिलाफ बात की है, और मुक्त भाषण और असंतोष को दबाने वाली सरकारों की आलोचना की है. इतना ही नहीं, वह एलजीबीटीक्यू समुदाय के समर्थक भी थे, और उन धार्मिक और सांस्कृतिक प्रथाओं की आलोचना करते थे, जो समलैंगिक व्यक्तियों के साथ भेदभाव करते हैं.

मशूहर लेखक, प्रसारक और सामाजिक कार्यकर्ता तारिक फतेह

सालों से कई राजनीतिक दलों से जुड़े फतेह कनाडा की लिबरल पार्टी और ओंटारियो न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी में शामिल थे. फतेह के विचार कभी-कभी विवादास्पद थे और उन्हें उन लोगों की आलोचना का सामना भी करना पड़ा, जिन्होंने तर्क दिया कि इस्लाम और इस्लामवाद की उनकी आलोचना सरल या कट्टर है. फिर भी, उन्होंने कनाडाई मीडिया और पॉलिटिक्स में एक प्रमुख व्यक्तित्व बने रहे. वह पल्बिक स्पीच के लिए भी पहचाने जाते थे. उन्हें डोनर प्राइज, हेलेन और स्टेन वाइन कैनेडियन बुक अवार्ड जैसे संगठनों से भी पुरस्कार प्राप्त है. कनाडाई, भारतीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया में कमेंटेटर भी थे.

Last Updated : Apr 25, 2023, 2:22 PM IST

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