श्रीनगर :जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से संबंधित घटनाओं में मारे गए नागरिकों की संख्या में इस साल तेजी से इजाफा हुआ है. 2022 के पहले पांच महीनों में 17 आम नागरिक मारे जा चुके हैं. साल 2020 के बाद से ये संख्या सबसे ज्यादा है. 16 आतंकी घटनाओं में मारे गए लोगों में 12 बहुसंख्यक समुदाय के थे जबकि बाकी पांच अल्पसंख्यक समुदाय से थे. जम्मू और कश्मीर पुलिस के आंकड़ों से पता चलता है कि आम नागरिकों और टारगेट किलिंग के मामले में जनवरी का महीना शांतिपूर्ण रहा. फरवरी में एक हत्या हुई. मार्च और मई में क्रमशः आठ और छह नागरिक मारे गए. अप्रैल में दो हत्याएं दर्ज की गई हैं.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक 'मारे गए नागरिकों में 12 कश्मीरी मुसलमान थे, जबकि अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के थे. कश्मीर प्रांत के बडगाम और कुलगाम में चार-चार नागरिक हत्याएं दर्ज की गई हैं, श्रीनगर और शोपियां में तीन-तीन, बारामूला में दो जबकि जम्मू प्रांत के उधमपुर में एक हत्या दर्ज की गई है.' उनके मुताबिक, 'आतंकवादियों ने जिन 17 नागरिकों को मारा है, उनमें 14 को आईईडी, ग्रेनेड से निशाना बनाया, या फिर टारगेट किलिंग की. जबकि बाकी तीन मौतें आतंकवाद विरोधी अभियानों के दौरान हुईं. ये तीन नागरिक फायरिंग की चपेट में आ गए.' अधिकारी ने कहा, 'लगभग सभी मामलों को सुलझा लिया गया है और हमलावरों (आतंकवादियों) को निष्क्रिय कर दिया गया है. केवल रजनी बाला (31 मई को आतंकवादियों द्वारा मारी गई शिक्षक) के हमलावर ज्यादा हैं, उन्हें भी जल्द ही निष्क्रिय कर दिया जाएगा.'
टारगेट किलिंग के मामले बढ़े : अधिकारी ने कहा, 'आतंकवादियों ने अब न केवल सुरक्षा बलों पर बल्कि नागरिकों पर भी हमले शुरू कर दिए हैं. इस साल आतंकवादियों ने नौ नागरिकों को मारा है, जबकि छह सुरक्षा बल के जवान भी शहीद हुए हैं. टारगेट किलिंग बढ़ रही हैं. अधिकतर मामले मार्च और मई में दर्ज किए गए हैं. इन दो महीनों में पांच पुलिसकर्मियों सहित 12 लोग मारे गए.' उन्होंने कहा कि 'आतंकवादी इन हमलों के लिए हाइब्रिड का उपयोग कर रहे हैं. वह अब पुलिस के रिश्तेदारों और अन्य प्रमुख लोगों पर हमले कर रहे हैं. एसजीसीटी सैफुल्ला कादरी की बेटी, सीटी इशफाक अहमद डार के भाई और अंबरीन भट के भतीजे आतंकवादियों के जघन्य कृत्यों के उदाहरण हैं. इतना ही नहीं चार निर्वाचित प्रतिनिधि (पंच और सरपंच) भी टारगेट अटैक में मारे गए हैं.'
जानिए कब और किसे बनाया गया निशाना
1.शकील अहमद खान (आम नागरिक) :25 फरवरी, 2022 को अम्शीपोरा (शोपियां) के रहने वाले शकील अहमद खान की इलाके में मुठभेड़ के दौरान आतंकवादियों की अंधाधुंध फायरिंग में मौत हो गई. पुलिस ने दावा किया है कि गंभीर रूप से घायल होने के बात उन्हें तुरंत चिकित्सा सहायता के लिए ले जाया जा रहा था, लेकिन उनकी मौत हो गई.
2. मोहम्मद याकूब डार (पंच) :2 मार्च 2022 को दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के कुलपोरा सरांड्रू इलाके में टारगेट किलिंग की घटना हुई. यहां आतंकवादियों ने पंच मोहम्मद याकूब डार को गोली मार दी. उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां मृत घोषित कर दिया गया.
3. मोहम्मद असलम मकदूमी और राफिया नज़ीरो (आम नागरिक) : 6 मार्च 2022 को श्रीनगर शहर के बीचों-बीच ग्रेनेड हमले में 55 वर्षीय मोहम्मद असलम मकदूमी और 19 वर्षीय राफिया नजीर की मौत हो गई. प्रतिभाशाली राफिया ने हाल ही में बारहवीं की परीक्षा पास की थी, जिसमें उसे साइंस में 94 प्रतिशत अंक मिले थे. हमले के दो दिन बाद पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार करने का दावा किया.
4.जुगल कुमार (आम नागरिक) :9 मार्च 2022 को उधमपुर जिले के एक व्यस्त बाजार में कम तीव्रता वाले इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) विस्फोट में जुगल कुमार की मौत हो गई.
5.समीर भाटी (सरपंच) : 9 मार्च 2022 को श्रीनगर जिले के बाहरी इलाके खोनमोह में स्थानीय पंचायत के सरपंच भट को आतंकवादियों ने गोली मार दी. उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका ऑपरेशन किया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका. वह पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (Peoples Democratic Party) से संबद्ध थे.
6. शब्बीर अहमद मीर (सरपंच) : 11 मार्च 2022 को आतंकियों ने टारगेट किलिंग की घटना में कुलगाम जिले की स्थानीय पंचायत के सरपंच शब्बीर अहमद मीर को निशाना बनाया. आतंकवादियों ने उन्हें गोली मार दी. अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. मीर श्रीनगर के राजबाग में एक सुरक्षित होटल में ठहरे थे. जिस दिन वह मारे गए, उसी दिन वह अपने पैतृक स्थान पर आए थे.
7. तजामुल मोहि-उद-दीन राथर ( Tajamul Mohi-ud-Din Rather) :21 मार्च 2022 को बडगाम के गोटपोरा इलाके में आम नागरिक राथर को उनके आवास के बाहर संदिग्ध आतंकियों ने गोली मार दी.श्रीनगर के अस्पताल ले जाते समय उन्होंने रास्ते में दम तोड़ दिया.