चेन्नई : तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि राज्य से आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में 80 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति 'अनुचित' है और इसके उल्टा होना चाहिए. मोदी को लिखा गया पत्र यहां मीडिया को जारी किया गया, जिसमें उन्होंने यह भी कहा कि नवीनतम राष्ट्रीय चिकित्सा ऑक्सीजन आवंटन योजना में तमिलनाडु के लिए महज 220 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का आवंटन गलत है.
तमिलनाडु में कोविड-19 संक्रमणों की बढ़ती प्रवृत्ति का हवाला देते हुए, पलानीस्वामी ने कहा कि राज्य को शीघ्र ही 450 मीट्रिक टन की आवश्यकता होगी, जो इसकी उत्पादन क्षमता 400 मीट्रिक टन से अधिक होगी.
उन्होंने कहा, '2020 में उछाल के दौरान लगभग 58,000 की अधिकतम सक्रिय केस संख्या की तुलना में, सक्रिय मामले पहले ही एक लाख से अधिक हो गए हैं. इससे ऑक्सीजन की मांग में वृद्धि हुई है. पर्याप्त ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं.'
पलानीस्वामी ने इस परिदृश्य को देखते हुए, मोदी से कहा कि तमिलनाडु के लिए 220 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आवंटित करने और यहां से विनिर्माण सुविधाओं से निटवर्ती आंध्र प्रदेश और तेलंगाना को 80 मीट्रिक टन तरल ऑक्सीजन दिया जाना 'गलत और अनुचित' है.
उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम और विस्फोटक सुरक्षा संगठन (पीईएसओ) के आंकड़ों के अनुसार, तमिलनाडु में ऑक्सीजन की खपत पहले ही 310 मीट्रिक टन तक पहुंच गई है, जबकि राज्य को केवल 220 मीट्रिक टन आवंटन किया गया, जो अपर्याप्त है.
पलानीस्वामी ने कहा कि जिन राज्यों को आवंटन किया गया है, उनमें तमिलनाडु की तुलना में कम सक्रिय मामले हैं और उन राज्यों में प्रमुख इस्पात उद्योग भी हैं.
उन्होंने कहा, 'जबकि तमिलनाडु ने अब तक कभी कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है और हमेशा अन्य राज्यों को सहयोग देने के लिए तैयार है, हमारे राज्य की जरूरतों से तरल ऑक्सीजन के ऐसे अनिवार्य विभाजन से चेन्नई और अन्य जिलों में बड़ा संकट पैदा हो सकता है.'
पलानीसामी ने कहा, 'इसलिए, मैं अनुरोध करता हूं कि तमिलनाडु के श्रीपेरमुदुर संयंत्र से 80 केएल का डायवर्जन तुरंत रद्द किया जाए.'
पलानीस्वामी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, आंध्र और तेलंगाना में ऑक्सीजन की आपूर्ति रोकने की मांग
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने रविवार को कहा कि राज्य से 80 मीट्रिक तरल ऑक्सीजन आंध्र प्रदेश और तेलंगाना को भेजी जा रही है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की कि राज्य में बढ़ते मामलों के मद्देनजर इसे रोका जाना चाहिए.
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