सूरत: ईसाई समुदाय के लिए क्रॉस आस्था की निशानी है. सूरत डायमंड कंपनी ने दुनिया का पहला 17 कैरेट का लैब निर्मित क्रॉस हीरा बनाया है. दुनियाभर के बाजार में यह आश्चर्य का विषय बन गया है. सूरत की कंपनी ने अनोखे पैटर्न के साथ प्रयोगशाला में तैयार किया गया हीरा बनाया है. यह पहली बार होगा जब दुनिया ने इसे देखा. इस लैब निर्मित डायमंड का आकर्षण का केंद्र 17 कैरेट सिंगल पीस क्रॉस, 14 कैरेट पन्ना, 12 कैरेट डॉल्फिन, 13 कैरेट तितली और 12 कैरेट मछली है.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ रही सिंथेटिक हीरे की मांग: लैब में तैयार किये गए हीरे, कच्चे हीरे की तुलना में 75 फीसदी सस्ते होते हैं. हर तरह से लैब ग्रो, सीवीडी या सिंथेटिक हीरा असली हीरे की तुलना में कम खर्चीला होता है और इसकी चमक भी उतनी ही होती है. बिना प्रमाण पत्र के न केवल आम जनता बल्कि हीरा व्यापारी भी असली हीरे और लैब में तैयार हीरे के बीच का अंतर नहीं बता पाएंगे. नतीजतन, सूरत के हीरा निर्माताओं ने सिंथेटिक हीरा क्षेत्र में प्रवेश किया है. हाल के कॉर्पोरेट घोटालों के परिणामस्वरूप इस विशेषता की मांग आसमान छू गई है. काफी समय से लेब्रोन हीरे का निर्यात 200 प्रतिशत तक बढ़ रहा है.