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SC Judgments Available In Regional Languages : सीजेआई के इस फैसले के मुरीद हुए पीएम मोदी - पीएम ने की सराहना

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की कॉपियां अलग-अलग भारतीय भाषाओं में उपलब्ध करवाएंगे. उनके इस संकल्प की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तारीफ की है. सीजेआई ने उक्त बातें महाराष्ट्र एवं गोवा विधिज्ञ परिषद द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहीं. SC Judgments Available In Regional Languages.

CJI DY Chandrachud
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़

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Published : Jan 22, 2023, 7:03 PM IST

Updated : Jan 22, 2023, 10:25 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के फैसले की कॉपी जल्द ही विभिन्न भारतीय भाषाओं में मिलेंगी. ये बातें देश के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कही हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका यह वीडियो ट्वीट किया है. उन्होंने सीजेआई के इस कदम की सराहना की है. सीजेआई चंद्रचूड़ ने महाराष्ट्र एवं गोवा विधिज्ञ परिषद द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में यह बात कही.

उन्होंने कहा, 'प्रौद्योगिकी के माध्यम से, सूचना तक पहुंच की बाधा को दूर करने का विचार है. विचार वकीलों को मुफ्त में जानकारी उपलब्ध कराने का है.' न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि अंग्रेजी की बारीकियां ग्रामीण वकीलों की मदद नहीं करेंगी. एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि हमारा अगला मिशन हर भारतीय भाषा में सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों की अनुवादित प्रतियां उपलब्ध कराना है. उन्होंने कहा जब तक हम अपने नागरिकों तक उस भाषा में नहीं पहुंचते, जिसे वे समझ सकते हैं तो जो हम जो काम कर रहे हैं वह 99 प्रतिशत तक लोगों तक नहीं पहुंचेगा. बता दें कि सितंबर 2022 में, न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ के नेतृत्व में शीर्ष अदालत ने अपनी संविधान पीठ की सुनवाई का सीधा प्रसारण करना शुरू किया था.

इसी क्रम में पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, हाल ही में एक समारोह में सीजेआई जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने क्षेत्रीय भाषाओं में सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों को उपलब्ध कराने की दिशा में काम करने की आवश्यकता पर बात की. उन्होंने इसके लिए तकनीक के इस्तेमाल का सुझाव भी दिया. यह एक प्रशंसनीय सोच है, जिससे कई लोगों, विशेषकर युवाओं को मदद मिलेगी. पीएम ने आगे कहा, भारत में कई भाषाएं हैं जो हमारी सांस्कृतिक जीवंतता को जोड़ती हैं. केंद्र सरकार भारतीय भाषाओं को प्रोत्साहित करने के लिए कई प्रयास कर रही है, जिसमें इंजीनियरिंग और चिकित्सा जैसे विषयों को अपनी मातृ भाषा में पढ़ने का विकल्प शामिल है.

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Last Updated : Jan 22, 2023, 10:25 PM IST

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