दिल्ली/देहरादून: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने उत्तराखंड में ज्योतिष पीठ के नए शंकराचार्य के रूप में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती (Swami Avimukteshwaranand Saraswati) के अभिषेक पर रोक लगा दी है. दरअसल, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति बीआर गवई (Justices BR Gavai) और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना (BV Nagarathna) की पीठ को सूचित किया कि पुरी में गोवर्धन मठ के शंकराचार्य ने एक हलफनामा दायर किया है कि ज्योतिष पीठ के नए शंकराचार्य के रूप में अविमुक्तेश्वरानंद की नियुक्ति का समर्थन नहीं किया गया है. इसके बाद शीर्ष अदालत ने उक्त आदेश पारित किया है. मामले में अगली सुनवाई 18 अक्टूबर को होगी.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ज्योतिष पीठ बदरीनाथ में ब्रह्मलीन शंकरचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के उत्तराधिकारी के विवाद पर सुनवाई कर रहा है. कोर्ट में एक याचिका दायर कर आरोप लगाया गया है कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती द्वारा ज्योतिष पीठ के उत्तराधिकारी के रूप में नियुक्त किए जाने का झूठा दावा किया था.
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यह मामला 2020 से सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. याचिका में कहा गया है कि यह सुनिश्चित करने का एक जानबूझकर प्रयास किया गया है कि इस अदालत के समक्ष कार्यवाही निष्फल हो जाए और एक व्यक्ति जो योग्य नहीं है, अपात्र है, वह अनधिकृत रूप से पद ग्रहण कर लें.