हैदराबाद (तेलंगाना) : संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा के परिणाम मंगलवार को घोषित किए गए. इस परीक्षा में अखिल भारतीय स्तर पर तीसरी रैंक हासिल करने वाली नकुल उमा हाराथी ने ईटीवी भारत से एक विशेष साक्षात्कार में बात की. तेलंगाना से इंजीनियरिंग स्नातक, उमा ने बताया कि उन्हें अपने पांचवें प्रयास में सफलता मिली. पढ़ें पूरा साक्षात्कार...
पिछली गलतियों से क्या सीखा उन्हें कैसे दूर किया जाए?
- प्रारंभ में, मैं सिविल सेवा परीक्षा के पैटर्न को ठीक से समझ नहीं पायी थी. सिलेबस को ठीक से समझना जरूरी होता है. छोटी-छोटी गलतियों के कारण मुझे रैंक नहीं मिल पा रहा था. पहले मैं सिर्फ लिखने पर ध्यान देती थी, क्या लिख कर नंबर आयेंगे यह मुझे नहीं पता था. उस समय मेरी भाषा शैली भी उतनी अच्छी नहीं थी. पिछले इंटरव्यू में भी मैंने कुछ गलतियां की थी. इस बार मैंने ज्यादा अंक लाने के उद्देश्य से पढ़ाई की. मैंने साक्षात्कार में पूछे जाने वाले प्रश्नों का भी लिख कर अभ्यास किया. मैं एक सप्ताह में दो मॉक टेस्ट करती थी. अपनी गलतियों को सुधारने के लिए मैं उत्तर अपने दोस्तों को भेजती थी. सिविल परीक्षा को लेकर मेरी सोच और नजरिया बदलने की वजह से ही मुझे यह सफलता मिली.
आपने कब तय किया कि आपको सिविल सेवा में जाना है?
- मैंने IIT-Hyderabad से B.Tech (सिविल इंजीनियरिंग) पूरा करने के बाद 2017 में सिविल सेवा के लिए तैयारी शुरू कर दी थी.
सिविल सेवा को ही क्यों चुना ?
- मेरे पिता वेंकटेश्वरलू नारायणपेट पुलिस अधीक्षक हैं. वह चाहते थे कि मैं आईएएस के लिए प्रयास करूं. इसके अलावा मेरे भाई साईं विकास ने 2020 में सिविल सेवा की परीक्षा में 12वीं रैंक हासिल किया था. वह भी मेरे लिए एक प्रेरणा स्रोत रहा. मेरी गलतियों को सुधारने और तीसरी रैंक हासिल करने में मेरे पिता और छोटे भाई का सहयोग अविस्मरणीय रहा है.
आपने कैसे तैयारी की?
- मैंने परीक्षा के सिलेबस और प्रश्न पत्रों को समझकर तैयारी की. कुछ जरूरी जानकारियां इंटरनेट पर मिल गई. जिसके बाद नियमित रूप से योजनाबद्ध तरीके से तैयारी की. मैं प्रतिदिन आठ घंटे पढ़ाई करती थी. लिखने का काफी अभ्यास किया.
वैकल्पिक विषय क्या थे और उसे क्यों चुना ?
- मानव शास्त्र मेरा वैकल्पिक विषय था. पहले मैंने भूगोल लिया था लेकिन उसमें ज्यादा अंक नहीं आए. हालांकि, ज्यादातर लोगों ने मानव शास्त्र चेतावनी दी थी. फिर भी मैंने इस विषय को चुना और इसके लिए तैयारी की.
साक्षात्कार कैसा हुआ था ?
- तकनीकी प्रश्नों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय संबंधों, यूक्रेन संकट, ब्रिक्स, गुटनिरपेक्ष आंदोलन, जनजातीय विकास और मानव शास्त्र से संबंधित प्रश्न पूछे गये थे. सवाल मेरी प्रोफाइल के आधार पर थे. उन्होंने मुझसे पूछा कि मैं पांच साल से क्या कर रही हूं. मैंने कहा 'मैंने गलतियां कीं और उनसे सीखा'. यूक्रेन मुद्दे के बारे में उन्होंने पूछा कि क्या अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय ने रूस के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी नहीं किया है? अब उस वारंट का क्या होगा?' चूंकि रूस अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय का सदस्य नहीं है, इसलिए उसका प्रभाव अधिक नहीं है. लेकिन, मैंने कहा कि कूटनीतिक रूप से थोड़ा दबाव हो सकता है.
क्या आप सिविल की तैयारी के लिए उपयोगी पुस्तकों, संसाधनों, युक्तियों के बारे में कुछ बता सकती हैं ?
- सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए सभी पुस्तकें मुफ्त में ऑनलाइन उपलब्ध हैं. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों और घटनाओं के बारे में अपडेट रहना चाहिए. समाचार पत्र पढ़ना और महत्वपूर्ण बिंदुओं को नोट करना अच्छा रहता है. कोई जानकारी चाहिए तो इंटरनेट पर सर्च करें. मॉक टेस्ट काफी सहायक होते हैं. उनसे गलतियों को सुधारने में मदद मिलती है.
कोचिंग कितना उपयोगी है?
- मैंने एक साल दिल्ली में कोचिंग ली. हालांकि कोचिंग कुछ हद तक उपयोगी था. लेकिन मैं वहां नहीं रहना चाहती थी, इसलिए मैंने घर पर रहकर तैयारी की.
सिविल के लक्ष्य रखने वालों छात्रों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
- उम्मीदवारों को हर स्तर पर सिलेबस को समझना चाहिए. सिलेबस को समझना लगभग टेस्ट पास करने जैसा है. पुराने प्रश्नपत्रों का अधिक अभ्यास करना चाहिए. कोचिंग ही एकमात्र चीज नहीं है. लेखन शैली का अभ्यास बहुत जरूरी है. हमें अपने लिखे हुए उत्तरों को वरिष्ठ लोगों को दिखाना चाहिए.
तनाव दूर करने के लिए आप क्या करती हैं ?
- मैं चार बार फेल हो चुकी हूं. मैंने दबाव से उबरने के लिए बैडमिंटन खेला. योग के अलावा, मैं कभी-कभार फिल्में देखती, किताबें पढ़ती और खाना बनाती थी.
सिविल सेवा का हिस्सा बनने की चाहत रखने वाले अभियर्थियों के लिए कोई सुझाव?
- एक लक्ष्य निर्धारित करें. नियमित और अनुशासन के साथ उस लक्ष्य का पीछा करें. इस परीक्षा के लिए काफी तैयारी करनी पड़ती है. सिलेबस को ज्यादा से ज्यादा कवर करने की कोशिश करें. पिछले साल के प्रश्नपत्रों पर विशेष ध्यान दें. इस सब के बाद भी परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने पर निराश न हों. अंतिम क्षण तक प्रयास करते रहें. पहले सिविल सेवा की परीक्षा पास कर चुके लोगों की मदद लें. उनको अपने मॉक टेस्ट का परिणाम दिखाये. उनकी मदद लें. गलतियों को सुधारें. वैकल्पिक विषयों के चयन में भी सावधानी बरतनी चाहिए. अन्यथा, आप जितने अंक चाहते हैं उतने अंक प्राप्त नहीं कर पाएंगे. प्रतिदिन पढ़ना और अभ्यास करना अच्छा है. रोजाना दस घंटे पढ़ाई के लिए देना चाहिए. आप कितनी भी बार किसी परीक्षा में अनुत्तीर्ण होते हैं यह मायने नहीं रखता, याद रखें आपको एक सिर्फ एक बार सफल होना है.