वाराणसी: एसडीएम ज्योति मौर्य का नाम बीते कई दिनों से सुर्खियों में बना हुआ है. पति आलोक मौर्य से विवाद को लेकर सोशल मीडिया पर अलग-अलग बहस छिड़ी हुई है. हर कोई इन दोनों की शादी और ज्योति मौर्य को एसडीएम बनने में उनके पति के सपोर्ट को लेकर बात कर रहा है. दोनों को लेकर मीम्स की तो बाढ़ सी आ गई है. हालांकि, वाराणसी में रहने वाला ज्योति मौर्य का परिवार इस पर कुछ भी बोलने से बचता नजर आ रहा है. उनका कहना है कि आलोक के परिवार ने झूठ बोला था, जबकि उनके आस-पास के लोग कह रहे हैं कि ज्योति के परिवार को सब पता था.
कहने को ये कहानी अब पूरी फिल्मी हो चुकी है. एक तरफ एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की मेहनत है, तो दूसरी तरफ एसडीएम बनकर बेवफाई करने वाली उसकी पत्नी. किसकी कहानी कितनी सच है. ये अभी पता नहीं चल सका है. क्योंकि, इन दोनों कहानियों में दोनों ही खुद को सच बता रहे हैं. ज्योति मौर्य के पिता का कहना है कि आलोक के परिवार ने हमें झूठ बोलकर उसे ग्राम पंचायत अधिकारी बताया था. जबकि, आलोक के पिता का कहना है कि हमने कार्ड में कोई पद नहीं छपवाया. इन्हें आलोक के काम के बारे में पहले से पता था.
हमसे झूठ बोला गया:इन विवादों के बीच सच जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम वाराणसी के चिरईगांव पहुंची. जहां ज्योति मौर्य का मायका है. ईटीवी से बात करते हुए ज्योति मौर्य के पिता ने कहा कि हमारे पास शादी का कार्ड है, जिसमें आलोक का पद ग्राम पंचायत अधिकारी बताया गया है. आलोक के पिता ने हमें यही बताया था.
जब शादी हुई, तब ज्योति थी बीए पास:वहीं, उनके गांव के लोगों का कुछ और ही कहना है. एक ग्रामीण ने बताया कि अगर किसी ने मेहनत करके अपनी पत्नी को इतना पढ़ाया लिखाया तो उसको यह इनाम नहीं मिलना चाहिए कि हम उसको छोड़ दें. शादी के दो से तीन साल के बंधन में वह रहीं. उन्हें कैसे नहीं पता चला कि उनका पति अधिकारी है कि चपरासी. जब आप अधिकारी हो गईं, तब पता चला कि आपका पति चपरासी है. इससे इस समाज में बहुत गंदा संदेश गया है. ज्योति मौर्य की जब शादी हुई थी, तब वह बीए पास थीं. इनको मालूम था कि जिससे उसकी शादी होने जा रही है वह चपरासी है.
पूरे गांव को पता था सच:ग्रामीण ने बताया कि उस समय वे लोग किसी अधिकारी के घर शादी करने की स्थिति में नहीं थे. उन्होंने कहा कि सभी को पता था कि आलोक मौर्य चपरासी पद पर है. पूरे गांव को यह पता था. ज्योति मौर्य पढ़ने में अच्छी थी. इसी को देखकर आलोक मौर्य के पिता ने उनकी शादी की थी. इसके बाद उनके परिवार ने उनकी कोचिंग कराई और पढ़ाई-लिखाई कराई. ग्रामीणों का कहना है कि आलोक का परिवार सही है.