तिरुवनंतपुरम : श्रीलंका में आर्थिक तंगी की वजह से बिगड़े हालात से लोगों का गुस्सा चरम पर है. वहां के लोगों ने शनिवार को राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया और प्रधानमंत्री के सरकारी आवास में आग लगा दी थी. गृह युद्ध के मुहाने पर खड़े देश श्रीलंका का दोस्त रहा भारत आज फिर उसके साथ खड़ा है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि अभी श्रीलंकाई सरकार अपनी समस्याओं पर काम कर रही है. भारत सरकार की भी नजर है कि आगे क्या कुछ होता है. फिलहाल अभी शरणार्थी संकट जैसे हालात नहीं हैं. श्रीलंका में मौजूदा आर्थिक संकट के सवाल पर जयशंकर ने कहा, 'वे अभी अपनी समस्याओं को कम करने के लिए कुछ कदम उठा रहे हैं. इसलिए हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा कि वे क्या करते हैं.' यह पूछे जाने पर कि क्या कोई शरणार्थी संकट है, विदेश मंत्री ने कहा, 'फिलहाल अभी कोई शरणार्थी संकट नहीं है.' वहीं कांग्रेस पार्टी ने भी कहा है कि वह इस गंभीर संकट के समय में श्रीलंका के लोगों के साथ खड़ी है.
विदेश मंत्रालय ने जारी एक बयान में कहा, 'हम श्रीलंका के हालात पर नजर बनाए हुए हैं. भारत श्रीलंकाई लोगों के साथ मजबूती से खड़ा है. वह उनकी उम्मीदों और विकास के मार्ग पर आगे बढ़ने की उनकी प्रजातांत्रिक तरीकों और मूल्यों के साथ खड़ा है.' मंत्रालय ने कहा कि भारत श्रीलंका का सबसे करीबी पड़ोसी देश है. बयान में आगे कहा गया, 'दोनों देशों के बीच दो सभ्यताओं का गहरा बंधन है. हम इस बात से वाकिफ हैं कि श्रीलंका अभी कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रहा है. हम उनके साथ इन चुनौतियों का सामना करने के लिए मुस्तैदी के साथ खड़े हैं.' मंत्रालय ने कहा कि भारत हमेशा से पड़ोसी प्रथम की नीति का पालन करता रहा है. भारत ने श्रीलंका को इस साल 3.8 बिलियन डॉलर की मदद के लिए अपना हाथ बढ़ाया है.