बांदा: पांच साल की मासूम बच्ची से दुष्कर्म व हत्या के मामले में चचेरे बाबा को विशेष पॉस्को कोर्ट ने बुधवार को 2 लाख 70 हजार रुपये जुर्माने के साथ फांसी की सजा सुनाई. बांदा ही नहीं बल्कि बुंदेलखंड का यह पहला ऐतिहासिक फैसला है जिसमें पॉस्को जैसे मामले में 28 दिन के अंदर दोषी को फांसी की सजा सुनाई गई है. वहीं, बच्ची के परिजनों ने अदालत और पुलिस प्रशासन का आभार व्यक्त किया है और कहा है कि अगर इस तरह के अपराधों में न्यायपालिका द्वारा ऐसे निर्णय लिए जाएंगे तो निश्चित तौर पर ऐसे अपराधों पर लगाम लगेगी.
यह मामला मरका थाना क्षेत्र में 18 अप्रैल 2021 को सामने आया था. यहां एक 5 साल की मासूम बच्ची अचानक अपने घर से गायब हो गई थी. परिजनों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी थी. मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच-पड़ताल की और मासूम बच्ची के शव को उसके चचेरे बाबा के घर से एक कूड़े के ढेर से बरामद किया था. इस मामले में पुलिस ने बच्ची के चचेरे बाबा को गिरफ्तार किया था. जांच पड़ताल में पता चला कि मासूम को बिस्किट देने के बहाने अभियुक्त अपने घर ले गया था. मिले साक्ष्यों में यह बात स्पष्ट हो गई थी कि आरोपी चचेरे बाबा राम बहादुर ने पहले मासूम के साथ रेप किया और फिर गमछे से उसका गला घोंट दिया.
बांदा में मासूम बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के मामले में चचेरे बाबा को फांसी
बांदा में मासूम बच्ची से दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. चलिए जानते हैं इसके बारे में.
25 नवंबर 2022 को कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल हुआ
शासकीय अधिवक्ता कमल सिंह गौतम ने बताया कि मरका थाना क्षेत्र के एक गांव में 5 साल की मासूम बच्ची के साथ उसके ही चचेरे बाबा ने बिस्किट खिलाने के बहाने दुष्कर्म किया और फिर गमछे से उसका गला घोटकर हत्या कर दी थी. वहीं, आसपास के लोगों और बच्ची के परिजनों ने जब बच्ची की तलाश की तो उसका शव आरोपी के घर से बरामद हुआ. इसके बाद आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया गया. न्यायालय में आरोप पत्र 25 नवंबर 2022 को दाखिल किया गया था, जहां 28 दिन के ट्रायल में ही यह ऐतिहासिक फैसला कोर्ट ने सुनाया है. दोषी को फांसी की सजा के साथ 2,70,000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है.
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