सागर।एक तरफ एमपी विधानसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किए गए इंडिया गठबंधन में खटास की खबरें सुनने मिल रही है. दूसरी तरफ यूपी सीमा से लगे बुंदेलखंड में अखिलेश यादव के दांव से जहां मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है. वहीं भाजपा सीधे नुकसान में नजर आ रही है. खासकर निवाड़ी और छतरपुर जिले में अखिलेश यादव कई सीटों पर समीकरण बिगाड़ते नजर आ रहे हैं. सीधे तौर पर ये नुकसान भाजपा को नजर आ रहा है और अगर त्रिकोणीय मुकाबले के आधार पर देखा जाए तो कांग्रेस को भी सपा से चुनौती मिलेगी.
भाजपा के नुकसान की बात करें, तो जिन प्रमुख तीन सीटों पर अखिलेश यादव ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं, उन सीटों पर फिलहाल भाजपा का कब्जा है. दूसरी तरफ सियासी गलियारों में चर्चा है कि अखिलेश यादव के प्रत्याशी भाजपा की वोट काटते नजर आएंगे. ऐसा लग रहा है कि अंदरखाने कांग्रेस और सपा मिलकर भाजपा की मजबूत सीटों पर उसे कमजोर करने का काम कर रही है.
अमित शाह की कोशिशों पर पानी फेर रहे अखिलेश:नामांकन की आखिरी तारीख से लेकर नाम वापसी तक भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह पिछले दिनों मध्यप्रदेश के दौरे पर रहे. संभागवार समीक्षा कर नए सिरे से रणनीति तैयार की. भाजपा के गढ़ कहे जाने वाले बुंदेलखंड में बगावत को देखते हुए अमित शाह खजुराहो पहुंचे थे और सागर संभाग की सभी 26 सीटों की उन्होंने समीक्षा की थी. सबसे बड़ी चुनौती उन कद्दावर बागियों को लेकर थी, जिन्होंने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था.
अमित शाह उन सभी बागियों को भी मनाने में नाकाम रहे हैं. खासकर टीकमगढ़ विधानसभा के अधिकृत प्रत्याशी राकेश गिरी के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले केके श्रीवास्तव ने अमित शाह की नहीं सुनी और नामांकन दाखिल कर दिया. हालांकि पन्ना से बगावत करने वाले संजय नगाइच ने नामांकन तो दाखिल नहीं किया है, लेकिन ये तय है कि उनकी निष्क्रियता ही भाजपा की हार का कारण बन जाएगी.
यूपी से लगे बुंदेलखंड में अखिलेश की दमदार चुनौती:मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड की सीमा यूपी से लगती है. दोनों इलाके का रहन सहन और बोली लगभग एक जैसी और दोनों तरफ के नेताओं का एक दूसरे के इलाके में प्रभाव है. मध्य प्रदेश की कद्दावर नेता उमा भारती यूपी के बुंदेलखंड से चुनाव लड़ी थीं, तो यूपी के नेता भी मध्यप्रदेश के चुनाव में किस्मत आजमाते रहते हैं. फिलहाल पृथ्वीपुर के भाजपा विधायक शिशुपाल सिंह यादव यूपी के ही रहने वाले हैं, लेकिन राजनीति एमपी में कर रहे हैं. ऐसे में अखिलेश यादव ने अपने दिग्गज और सजातीय नेताओं को चुनाव मैदान में उतारकर सत्ताधारी दल भाजपा की मुश्किलें पैदा कर दी है.
सबसे पहले निवाड़ी जिले की बात करें, तो निवाड़ी से यूपी के झांसी के गरोठ से विधायक रहे सपा नेता बाहुबली दीननारायण सिंह की पत्नी मीरा यादव को टिकट दिया है, जो निवाड़ी से सपा के ही टिकट में 2008 में चुनाव जीत चुकी है. इतना ही नहीं दीपनारायण सिंह यादव की बेटी शिवांगी को पृथ्वीपुर से उम्मीदवार बनाया गया, लेकिन बाद में शिवांगी के चुनाव नहीं लड़ने का फैसला हुआ. वहीं नामांकन के ठीक पहले बिजावर सीट से टिकट की मांग कर रही बड़ा मलहरा से दो बार विधायक रही रेखा यादव ने भी सपा का दामन थाम लिया है. अखिलेश यादव ने रेखा यादव को बिजावर से उम्मीदवार बनाया है. रेखा यादव बिजावर की ही रहने वाली हैं और दो बार छतरपुर की बड़ा मलहरा विधानसभा से विधायक रह चुकी हैं.