हैदराबाद: कोरोना वैक्सीन आ चुकी थी, कोरोना के मामले भी लगातार कम हो रहे थे. लग रहा था कि अब कोरोना वायरस खत्म ही समझो. लेकिन इससे पहले ही कोरोना की दूसरी लहर शुरू हो गई. विशेषज्ञों की मानें तो मौजूदा संक्रमण के दौर में 95 फीसदी संक्रमितों में लक्षण नहीं दिखाई दे रहे. जो कि कोरोना वायरस के तेजी से फैलने की मुख्य वजह है. दूसरी तरफ लोग सामान्य बुखार और दूसरी बीमारियों के लक्षण मानकर इसे नजरअंदाज कर रहे हैं. जो कि मौजूदा कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ने की एक और वजह है. वास्तव में, वायरस हमारे शरीर को हमारी जानकारी के बिना ही संक्रमित कर रहा है. ऐसे में सवाल है कि कोरोना वायरस के सटीक लक्ष्ण क्या हैं ? हमारे शरीर में ऐसे कौन से बदलाव हैं जिन्हें गंभीरता से लेना चाहिए ? हमें कोरोना टेस्ट के लिए कब जाना चाहिए ? ऐसे सवालों के जवाब के लिए जानते हैं कि आखिर विशेषज्ञों का इसपर क्या कहना है.
क्यों बढ़ रहे हैं कोरोना संक्रमण के मामले ?
जिनमें कोरोना वायरस के लक्षण नहीं हैं और जन्म से ही उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है तो कोरोना वायरस का असर आमतौर पर नहीं होता लेकिन कुछ लोगों में सामान्य सर्दी, खांसी और बुखार जैसे लक्षण कोरोना संक्रमण के लक्षण हो सकते हैं. कुछ लोग ऐसे लक्षण मिलने पर सही इलाज की बजाय इसे नजरअंदाज करते हैं. कुछ लोग संक्रमण की गंभीरता और इसी जैसी दूसरी बीमारियों के बीच के अंतर पर स्वास्थ्य विशेषज्ञों के दावों को खारिज कर देते हैं. ये तीनों ही वजह मौजूदा वक्त में कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह हैं. हालांकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने वायरस के लक्षणों के बारे में बताया है. इस तरह लोग कोरोना टेस्ट करवाने से लेकर आइसोलेशन और उपचार की जानकारी ले सकते हैं.
आंखो का लाल होना
आम तौर पर आंखो का लाल होना, सूजन, खुजली या आंखो से पानी आने की वजह एलर्जी या संक्रमण को माना जाता है. हम इन लक्षणों को बुखार या सिरदर्द से होने वाली आम आंख की बीमारी समझकर अनदेखा कर देते हैं. लेकिन विशेषज्ञों ने चेताया है कि सिरदर्द जैसी छोटी बीमारियों के साथ होने वाली लाल आंखे कोविड-19 के संक्रमण की वजह से हो सकती है. इसलिये ऐसे लक्षण होने पर तुरंत कोरोना टेस्ट करवाएं.
भूलने की प्रवृत्ति
कई वैज्ञानिक अध्ययनों से पता चला है कि कोरोना वायरस सिर्फ फेफड़ों पर असर नहीं डालता बल्कि शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है. वास्तव में, मस्तिष्क पर भी कोरोना वायरस के नकारात्मक प्रभावों के मामले सामने आए हैं. ध्यान में कमी, भूलने की प्रवृत्ति, चिंता और एकाग्रता में कमी जैसे लक्षण खतरे की घंटी हैं. विशेषज्ञ ऐसे लक्षणों की शुरुआत होने पर सावधानी बरतने की सलाह देते हैं.
भूख में कमी