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....तो धर्म सेंसर बोर्ड से पास होंगी 'आदिपुरुष' जैसी फिल्में! जानें क्या बोले शंकराचार्य

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने फिल्म आदिपुरुष को देवी-देवताओं के प्रति अनास्था पैदा करने की कोशिश बताया. उन्होंने कहा कि ऐसी गतिविधियों पर पूरी तरह अंकुश लगाना बहुत जरूरी है. संत समाज इस पर काफी चिंतित है.

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती

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Published : Jun 24, 2023, 4:54 PM IST

आदिपुरुष फिल्म को लेकर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कही बड़ी बात.

श्रीनगर (उत्तराखंड): चमोली के जोशीमठ में स्थित ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने फिल्म 'आदिपुरुष' के विवाद पर खुलकर बात रखी. उन्होंने कहा कि आदिपुरुष जैसी गतिविधियां भावी पीढ़ी के मन में अनास्था उत्पन्न करने का प्रयास है. ऐसी गतिविधियों पर पूरी तरह अंकुश लगना चाहिए. शंकराचार्य ने कहा कि संत समाज ने इस दिशा में एक धर्म सेंसर बोर्ड गठित किया है, जिसको लेकर अध्ययन चल रहा है. उन्होंने जोशीमठ की जनसमस्याओं के समाधान के प्रति संत समाज की प्रतिवद्धता भी दोहराई.

शनिवार को जोशीमठ ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जोशीमठ से श्रीनगर पहुंचे, जहां उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में जोशीमठ की समस्याओं का समाधान नहीं होने पर गहरी चिंता व्यक्त की. साथ ही बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान के कार्यों से धाम की दिव्यता प्रभावित ना हो इसका संपूर्ण ध्यान रखे जाने के प्रति भी सरकार को आगाह भी किया. फिल्म आदिपुरुष पर जारी विवाद पर उन्होंने कहा कि यह केवल एक फिल्म की बात नहीं है. आज आदिपुरुष है कल कोई और होगा. इससे पहले जाने और कितने हो चुके हैं.

धर्म सेंसर बोर्ड से पास होंगी फिल्में! : शंकराचार्य ने कहा कि पूरा संत समाज इसको लेकर चिंतित है. संत समाज ने एक धर्म सेंसर बोर्ड बनाया है, जिसका अभी अध्ययन चल रहा है कि कैसे उसका कार्य शुरू किया जाए. उन्होंने कहा कि इस तरह की गतिविधियों पर पूरी तरह अंकुश लगाना हिंदू समाज के हित के लिए बहुत आवश्यक हो गया है. इस दिशा में हम बहुत ही गंभीरतापूर्वक आगे बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा, आदिपुरुष जैसी गतिविधियां बहुत आपत्तिजनक हैं. यह ऐसी बातें हैं, जो हमारे बच्चों के मन में हमारे देवी-देवताओं के प्रति अनास्था उत्पन करने का प्रयास है.
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जाशीमठ जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग: शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा, प्रधानमंत्री को पत्र भेजकर भी जोशीमठ की समस्याओं के समाधान के प्रति ध्यान केंद्रीत करने के लिए कहा है. पत्र में जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव की घटनाओं, विशेषज्ञों की जांच और रिपोर्ट के सर्वाजनिक नहीं किए जाने की बात भी कही गई है. जोशीमठ से जुड़ी समस्त जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि जोशीमठ में लोग बहुत चिंतित हैं. भू-धंसाव ने लोगों की रातों की नींद व दिन का चैन छीन रखा है. उन्होंने कहा कि जोशीमठ के लोगों की पीड़ा में ज्योतिष्पीठ उनके साथ खड़ा है. बाइपास सड़क निर्माण ज्योतिष्पीठ तीर्थ की उपेक्षा है.

जोशीमठ की समस्याओं का समाधान जल्द नहीं होने पर संत समाज का अगला कदम क्या होगा, के सवाल पर अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि समस्या का समाधान होगा, करना पड़ेगा. समाधान न करने का कोई सवाल ही नहीं है. जब तक जोशीमठ की जनता की मूलभूत समस्याओं का समाधान नहीं होता है, संत समाज उनके हितों की सुरक्षा के लिए निरंतर कार्य करेगा.
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