जयपुर:यूक्रेन से जो तस्वीरें निकल कर सामने आ रही हैं वो दिल दहलाने वाली हैं. यूक्रेन में करीब 16,000 भारतीय नागरिक फंसे हुए हैं. जिनमें अधिकतर छात्र हैं. रूस-यूक्रेन संकट के बीच भारत के ऐसे कई छात्र हैं जो वहां से निकलने की ताक में बैठे हैं. कुछ छात्रावासों में, तो कुछ बंकरों में समय काट रहे हैं. इस बीच यूक्रेन स्टडी करने गए जयपुर के निवासी हिमांशु त्रिपाठी और उनके साथ रहने वाले यूपी के साथी सुधांशु से ईटीवी भारत (Rajasthani Students amid Ukraine crisis) ने बात की. इनके सामने न केवल युद्धग्रस्त यूक्रेन से निकलने की चुनौती है बल्कि भविष्य की भी चिंता सता रही है.
धमाकों की आवाज से खुलती है नींद
यूक्रेन के Ivano-Frankivsk में रह रहे जयपुर के हिमांशु त्रिपाठी ने बताया कि दिन पर दिन यहां हालात खराब होते जा रहे हैं. हालत ये है कि अब तो खाने के लिए न राशन है, न ही कोई ट्रांसजेक्शन कर सकते हैं, सुबह धमाकों की आवाज से नींद खुल जाती है और पूरे दिन डर सताता रहता है. सायरन की आवाज बंकर में जाने की ओर इशारा करेगी और कभी भी पानी-इंटरनेट भी बंद हो जाएगा.
हिमांशु को सिर्फ एक ही फिक्र है कि क्या वो सुरक्षित स्वदेश लौट पाएंगे. हिमांशु इवानो फ्रैंकिवस्क मेडिकल यूनिवर्सिटी में थर्ड ईयर मेडिकल स्टूडेंट हैं. 2019 में एमबीबीएस करने वो यूक्रेन गए. तभी से यूक्रेन के उत्तरी क्षेत्र में रह रहे हैं. हिमांशु ने बताया कि वहां के हालात भी खास अच्छे नहीं हैं बहुत ज्यादा खराब हो गए हैं. उन्होंने बताया कि यूक्रेन की कैपिटल सिटी कीव और खार्किव में रशियन फाइटर प्लेन और टैंक ने गोलीबारी (Ukraine Russia crisis) की. उस क्षेत्र में काफी छात्र फंसे हुए हैं.
एयरबेस तबाह
हिमांशु डरे हैं, सहमे हैं. कहते हैं कीव के बाद अगला टारगेट इवानो फ्रैंकिवस्क और ल्वीव है. जहां बीते 2 दिन से लगातार गोलीबारी हो रही है. रशियन फाइटर्स ने यहां का एयरबेस तबाह कर दिया है. सुबह तकरीबन 5:30 बजे इस धमाके की आवाज से (dhamakon se dehla Ukraine) नींद खुली. बाद में जानकारी मिली कि रशियन फाइटर्स ने यहां अटैक कर दिया है. लगातार यहां फाइटर प्लेंस उड़ रहे हैं. सिटी मेयर ने फ्लैट्स की लाइट्स बंद रखने की भी गाइडलाइन जारी की है. सायरन बजते ही नजदीकी बंकर्स में जाने के निर्देश हैं क्योंकि यहां कभी भी गोलीबारी हो सकती है.
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