नई दिल्ली : सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) द्वारा सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ स्वदेश में विकसित पहले क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पेपिलोमावायरस (क्यूएचपीवी) वैक्सीन पर बुधवार को विषय विशेषज्ञ समिति द्वारा चर्चा की जाएगी. Quadrivalent Human Papillomavirus (QHPV) वैक्सीन के बाजार प्राधिकरण के लिए आवेदन 8 जून को डीसीजीआई को प्रकाश कुमार सिंह (सरकार और नियामक मामलों के निदेशक) द्वारा प्रस्तुत किया गया था.
सिंह द्वारा डीसीजीआई को आवेदन में सभी खुराक और आयु समूहों में एचपीवी प्रकारों के खिलाफ टीके की एंटीबॉडी प्रतिक्रिया का उल्लेख किया गया है. सूत्रों ने एएनआई को बताया कि वैक्सीन के 2022 के अंत से पहले बाजार में लॉन्च होने की उम्मीद है. क्यूएचपीवी सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ भारत का पहला स्वदेशी रूप से तैयार किया गया टीका होगा. देश में इसकी शीघ्र उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए, पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने जैव प्रौद्योगिकी विभाग के समर्थन से चरण 2/3 नैदानिक परीक्षण पूरा करने के बाद बाजार प्राधिकरण के लिए आवेदन किया है.
सर्वाइकल कैंसर:'मेडिकल पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजी' में प्रकाशित एक शोध में बताया गया है की भारत में 6 से 29 प्रतिशत महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर होने का खतरा रहता है. शोध में उल्लेखित आंकड़ों के अनुसार भारत में इस रोग के सर्वाधिक मामले मिजोरम राज्य में पंजीकृत हुए है, जिनकी संख्या 23.07/ 1,00,000 है. वहीं सबसे कम मामले 4.91/1,00,000 डिब्रूगढ़ में पंजीकृत हुए. इस बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए डॉ. सुषमा तोमर बताती हैं की हालांकि सर्वाइकल कैंसर का इलाज संभव है, लेकिन इस बीमारी तथा उसके लक्षणों के बारे में महिलाओं में जागरूकता की काफी कमी हैं. इसी के चलते ज्यादातर मामलों में महिलाओं को अपनी इस बीमारी की जानकारी देर से होती है. यदि समय से इस रोग के लक्षण पकड़ में आ जाए, तो इसे सफलता पूर्वक ठीक किया जा सकता है.