नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जी. एन. साईबाबा (G N Saibaba ) को कथित माओवादी संपर्क मामले में बरी करने के बंबई उच्च न्यायालय के आदेश पर शुक्रवार को रोक लगाने से इनकार कर दिया. राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने बंबई उच्च न्यायालय के आदेश के कुछ घंटों बाद, फैसले पर रोक के लिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. लेकिन शीर्ष अदालत ने इसे अस्वीकार कर दिया.
उच्चतम न्यायालय ने हालांकि एनआईए को अनुमति दे दी कि वह तत्काल सूचीबद्ध किए जाने का अनुरोध करते हुए रजिस्ट्री के समक्ष आवेदन दे सकती है. न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायामूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि अदालत बरी करने के आदेश पर रोक नहीं लगा सकती क्योंकि विभिन्न पक्ष उसके सामने नहीं हैं। इससे पहले मेहता ने मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने और फैसले पर रोक लगाए जाने का उल्लेख किया.
पीठ ने कहा कि उसने मामले की फाइल या उच्च न्यायालय के फैसले पर भी गौर नहीं किया है. इसके साथ ही पीठ ने कहा, 'आप मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने के संबंध में भारत के प्रधान न्यायाधीश के प्रशासनिक निर्णय के लिए रजिस्ट्री के समक्ष आवेदन दे करते हैं.'