नई दिल्ली :सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश को रद्द करने से इनकार कर दिया जिसमें पंचायत चुनाव प्रक्रिया को मानसून के बाद कराने के बदले 12 अगस्त तक पूरा करने का गोवा को निर्देश दिया गया था. जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और कृष्णा मुरारी की पीठ इस याचिका की सुनवाई करने वाली थी.
गोवा ने पीठ के समक्ष तर्क दिया कि उन्होंने हमेशा समय पर चुनाव कराया है, लेकिन इस बार परिसीमन आदि के कारण राज्य चुनाव आयोग को तारीखों में बदलाव करना पड़ा और उसने इस पर आपत्ति नहीं की. उन्होंने कहा कि वर्तमान में बजट सत्र भी चल रहा है और इसके लिए चुनाव कराने के लिए समय चाहिए. राज्य सरकार ने आगे तर्क देते हुए कहा कि मानसून में पंचायत चुनाव प्रक्रिया में राहत देनी होगी, लेकिन इसके बावजूद आदर्श आचार संहिता के साथ पुलों के निर्माण जैसे कार्य भी ठप हो जाएंगी.
इस पर शीर्ष अदालत ने चुनाव स्थगित करने का निर्देश देने से इनकार करते हुए कहा, 'हमें हाईकोर्ट के आदेश या चुनाव की प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं नजर आ रहा है. हालांकि, न्याय के हित में, राज्य चुनाव आयोग किसी प्रकार की मुश्किल को देखते हुए हाईकोर्ट जाने के लिए स्वतंत्र है. गोवा चुनाव मामले के संदर्भ में अदालत ने कहा, 'गोवा और मेघालय जैसे खूबसूरत राज्यों में, मानसून कभी भी यात्रा या अन्य किसी कार्य में बाधा नहीं बन सकता है. वे मानसून में और भी खूबसूरत हो जाते हैं.'