नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बलात्कार के मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट के एक आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर अपनी कानूनी सेवा समिति को बलात्कार के आरोपी के लिए एक वकील नियुक्त करने का निर्देश दिया है.
दरअसल, बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि पॉक्सो अधिनियम के तहत यौन हमले के लिए 'त्वचा से त्वचा' का संपर्क होना जरूरी है. हाई कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ भारत के अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल, महाराष्ट्र सरकार और राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.
न्यायमूर्ति यूयू ललित और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की पीठ हाई कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कहा गया था कि 12 साल की लड़की के स्तन को कपड़े के ऊपर से दबाने से यौन शोषण नहीं माना जाएगा.
अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि पिछले एक साल में पॉक्सो के तहत 43,000 मामले दर्ज किए गए हैं.