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गुजरात के जामनगर में RIL के चिड़ियाघर के खिलाफ दायर याचिका SC में खारिज

रिलायंस इंडस्ट्रीज द्वारा गुजरात के जामनगर में एक चिड़ियाघर के निर्माण की अनुमति को चुनौती देने वाली एक याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया. दो जस्टिस वाली पीठ ने कहा कि ग्रीन्स जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर को मान्यता प्रदान करने में कोई कानूनी खामी नहीं है.

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Published : Aug 20, 2022, 6:33 PM IST

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) द्वारा गुजरात के जामनगर में एक चिड़ियाघर के निर्माण की अनुमति को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी है कि याचिका में कोई तर्क या आधार नहीं दिया गया है. न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी (justices Dinesh Maheshwari) और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी (justices Krishna Murari) की पीठ ने 'ग्रीन्स जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन' सेंटर द्वारा जानवरों के अधिग्रहण पर प्रतिबंध लगाने संबंधी एक वकील की याचिका खारिज कर दी.

शीर्ष अदालत ने कहा कि इस बात पर विवाद की कोई गुंजाइश नहीं है कि ग्रीन्स जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर (GZRRC) एक मान्यता प्राप्त चिड़ियाघर होने के साथ-साथ एक रेस्क्यू सेंटर भी है. जनहित याचिका में रिलायंस के 'ग्रीन्स जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर' (GZRRC) पर भारत और विदेशों से जानवरों को लाने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी. साथ ही इस गैर-लाभकारी संगठन के संचालन और प्रबंधन की जांच के लिए एक एसआईटी की भी मांग कोर्ट के सामने रखी गई थी. जिसे कोर्ट ने पूरी तरह नकार दिया.'

कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए 'ग्रीन्स जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर’ (GZRRC) ने 'तेंदुआ बचाव केंद्र' और 'मगरमच्छ बचाव केंद्र' सहित अपने कामकाज के विभिन्न पहलुओं का व्यापक विवरण दिया. कोर्ट ने सेंटर में जानवरों की मदद के लिए उपलब्ध डॉक्टर्स, क्यूरेटर, जीवविज्ञानी, प्राणी विज्ञानी और अन्य विशेषज्ञों की उपलब्धता और उसके बुनियादी ढांचे को नोटिस किया और पाया कि संगठन को जानवरों के संचालन और हस्तांतरण के लिए दी गई अनुमति और उसकी सभी गतिविधियां कानूनी और अधिकृत हैं.

कोर्ट ने कहा कि उसे 'ग्रीन्स जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर' (GZRRC) के खिलाफ लगाए गए आरोपों के संबंध में 'कोई तर्क या आधार' नहीं मिला है. कोर्ट ने यह भी कहा कि GZRRC के कामकाज पर विवाद की कोई गुंजाइश नही है. इससे पहले मद्रास हाईकोर्ट ने भी कहा था कि कोर्ट रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की सहायता से ग्रीन्स जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर (GZRRC) में उपलब्ध सुविधाओं से संतुष्ट है.

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