नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ एक याचिका पर सुनवाई हुई. ये याचिका कर्नाटक हाई कोर्ट के उस फैसले के खिलाफ दायर है, जिसमें कर्नाटक सरकार को 31 अगस्त से सीमित अवधि के लिए धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए बेंगलुरु के चामराजपेट में ईदगाह मैदान के उपयोग की अनुमति दी थी. चमारजपेट में ईदगाह मैदान में गणेश उत्सव की अनुमति देने वाले हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. वक्फ बोर्ड की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई.
सीजेआई यूयू ललित ने इस मामले को जस्टिस इंदिरा बनर्जी, एएस ओका और एमएम सुंदरेश की पीठ को सौंप दिया, जो अब ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी की अनुमति को चुनौती देने वाली याचिका पर शाम करीब 4:35 बजे सुनवाई कर रही है. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस इंदिरा बनर्जी, जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस एमएम सुंदरेश की स्पेशल बेंच में सुनवाई जारी है. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के वकील मुकुल रोहतगी से पूछा कि क्या पहले इस स्थान पर कोई अन्य धर्म का कार्यक्रम हुआ है. रोहतगी ने कहा कि राज्य सरकार ने ऐसी कोई इजाजत नहीं दी. रोहतगी ने कहा कि मालिकाना हक को लेकर कभी विवाद नहीं था. सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी मालिकाना हक को लेकर नहीं है, यह भूमि राज्य सरकार की है.
इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर वक्फ की ओर से गलतबयानी की जा रही है, तो अदालत अवमानना की कार्यवाही शुरू करेगी. रोहतगी ने कहा कि राजस्व और बीबीएमपी रिकॉर्ड में भूमि का उल्लेख खेल के मैदान के रूप में किया गया है. यह एक सरकारी भूमि के रूप में जाना जाता है. सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष वाद एक निषेधाज्ञा वाद था, ना कि मालिकाना हक का वाद. शीर्ष अदालत का कहना है कि दोनों पक्षों को आज तक यथास्थिति बनाए रखने की जरूरत है. उन्होंने ईदगाह मैदान में गणपति की पूजा पर रोक लगा दी.
इससे पहले मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इसे तीन जजों की पीठ के पास भेज दिया. सुनवाई कर रहे दोनों जजों के बीच सहमति नहीं बन पाने की वजह से मामला दो से तीन जजों की पीठ को भेज दिया गया. जस्टिस हेमंत गुप्ता के नेतृत्व वाली पीठ ने मुख्य न्यायाधीश के पास मामले को मेंशनिंग करने को कहा. इसके बाद सीजेआई की पीठ के सामने वक्फ बोर्ड के वकीलों ने मामला मेंशन किया.
बता दें कि, मुस्लिम निकाय का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने मामले का उल्लेख और तत्काल सुनवाई की मांग करते हुए कहा था कि क्षेत्र में अनावश्यक धार्मिक तनाव पैदा किया जा रहा है. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को मामले की सुनवाई के लिए तैयार हो गई थी. पिछले हफ्ते, हाईकोर्ट ने बेंगलुरु के चामराजपेट के ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी समारोह आयोजित करने की अनुमति दी थी. हाईकोर्ट ने कहा था कि सरकार त्योहार को धरातल पर अनुमति देने के लिए निर्णय ले सकती है. राज्य सरकार द्वारा यथास्थिति बनाए रखने के 25 अगस्त के अंतरिम आदेश को चुनौती देने वाली अपील दायर करने के बाद अदालत ने यह आदेश पारित किया था.