नई दिल्ली :उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों के बाद हुई हिंसा की घटनाओं की जांच सीबीआई को सौंपने के उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की याचिका पर सोमवार को सुनवाई 22 अक्टूबर के लिए स्थगित कर दी. ममता बनर्जी राज्य सरकार ने अपने वाद में आरोप लगाया है कि सीबीआई कानून के अनुसार राज्य की मंजूरी लिये बगैर ही जांच कर रही है.
जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस बी आर गवई की पीठ ने स्पष्ट किया कि वह इस मामले को अब और स्थगित नहीं करेगी और दशहरा अवकाश के बाद इसकी सुनवाई करेगी. पीठ ने कहा कि कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार 20 सितंबर, 2021 से पहले ही इस संबंध में भारत संघ पर नोटिस तामील कर दी गयी थी. केन्द्र की ओर से कोई पेश नहीं हुआ है. मामले को 22 अक्टूबर को सूचीबद्ध किया जाए. इस बीच प्रतिवादी अपनी आपत्तियां दाखिल कर सकते हैं.
इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से पेश हुए. पश्चिम बंगाल सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत दायर अपने मूल दीवानी मुकदमे में दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम 1946 के प्रावधानों का हवाला दिया और कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) राज्य सरकार से बिना अनुमति हासिल किए जांच में आगे बढ़ रहा है और प्राथमिकी दर्ज कर रहा है, जबकि कानून के तहत ऐसा करना अनिवार्य है.