दिल्ली

delhi

बैंकों का NPA 8.95 लाख करोड़ से घटकर 5.59 लाख करोड़ हुआ : वित्त राज्य मंत्री

By

Published : Mar 29, 2022, 9:43 AM IST

Updated : Mar 29, 2022, 2:40 PM IST

भारत का सबसे बड़ा बैंक SBI में बैंकिंग धोखाधड़ी के मामले काफी हैं, सरकार द्वारा संसद में प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में हो रही धोखाधड़ी को कम करने के लिए रिजर्व बैंक ने एक ऑनलाइन सर्च डेटाबेस बनाया है जिसपर बैंक लोन देने से पहले क्लाइंट की सूचना को क्रॉस चेक कर सकती हैं.

बैंको का एनपीए
बैंको का एनपीए

नई दिल्ली : भारतीय स्टेट बैंक सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की तुलना में बैंकिंग क्षेत्र की धोखाधड़ी से सबसे ज्यादा प्रभावित है. हालांकि, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की नॉन परफोर्मिंग एसेटस या गैर-निष्पादित संपत्ति मार्च 2018 में 8.95 लाख करोड़ रुपये से घटकर दिसंबर 2021 में 5.59 लाख करोड़ रुपये पहुंची. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के खराब ऋण या गैर-निष्पादित संपत्तियां, जो कि उद्योगों में लगा है, पीएम मोदी की शपथ से पहले अर्थात मई 2014 में 2.17 लाख करोड़ रुपये थी वह बढ़कर मार्च 2018 में 8.95 लाख करोड़ रुपये पहुंच गई थी. फिर सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की बैलेंस शीट में फंसे कर्ज की जांच पारदर्शिता के साथ शुरू की. इस पर लगाम लगना शुरू किया नतीजतन इसके ऑंकडों में लगभग तीन लाख करोड़ की कमी आयी है.

वहीं पिछले तीन वर्षों में, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के फंसे हुए ऋणों की कुल राशि दिसंबर 2021 में 8.95 लाख करोड़ रुपये से घटकर 5.59 लाख करोड़ रुपये हो गई. लोकसभा में वित्त मंत्रालय ने अपने नवीनतम आंकड़े साझा किए हैं. वित्त राज्य मंत्री डॉ भागवत कराड ने बताया कि यह मान्यता, संकल्प, पुनर्पूंजीकरण और सुधारों की सरकार की रणनीति के कारण हम इसको कम करने में सफल रहे हैं. डॉ कराड ने कहा कि रिजर्व बैंक के निर्देशों के अनुसार, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने धोखाधड़ी के जोखिम की समय पर पहचान और कंट्रोल के लिए केंद्रीय धोखाधड़ी रजिस्ट्री के रूप में बैंकों द्वारा रिपोर्ट की गई धोखाधड़ी का एक ऑनलाइन सर्च करने के लिए ऑनलाइन डेटाबेस बनाया है. जहां पर जाकर बैंक सूचना का क्रॉस चेक कर सकते हैं.

पिछले तीन वित्तीय वर्षों के नवीनतम आंकड़ों का हवाला देते हुए, मंत्री ने लोकसभा को सूचित किया कि धोखाधड़ी की घटना की तारीख के अनुसार, राज्य के स्वामित्व वाले भारतीय स्टेट बैंक ने वित्त वर्ष 2018-19 और वित्त वर्ष 2020-21 के बीच अधिकतम बैंकिंग धोखाधड़ी की सूचना दी.चार बैंक हैं जिन्होंने पिछले तीन वित्तीय वर्षों में एक हजार से अधिक धोखाधड़ी की सूचना दी, ये हैं स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया.

बड़ी धोखाधड़ी से सबसे ज्यादा प्रभावित एसबीआई:स्टेट बैंक ने 14,431 धोखाधड़ी की सूचना दी, इसके बाद सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (2,299), यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (1,184) और पंजाब नेशनल बैंक (1,040) का स्थान रहा. अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक जो प्रमुख धोखाधड़ी की चपेट में हैं, वे हैं आईडीबीआई बैंक (747 धोखाधड़ी), इंडियन ओवरसीज बैंक (552), इंडियन बैंक (517), यूको बैंक (487 धोखाधड़ी), बैंक ऑफ महाराष्ट्र (435 धोखाधड़ी), बैंक ऑफ बड़ौदा ( 378 धोखाधड़ी), ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (349 धोखाधड़ी). जबकि सिंडिकेट बैंक ने 278 धोखाधड़ी की सूचना दी, बैंक ऑफ इंडिया ने इस अवधि के दौरान 274 धोखाधड़ी की सूचना दी, केनरा बैंक ने 259 धोखाधड़ी की और पंजाब एंड सिंध बैंक ने 211 बैंक धोखाधड़ी की सूचना साझा की है. दो अन्य बैंकों कॉर्पोरेशन बैंक (136) और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (117) ने 100 से अधिक धोखाधड़ी की सूचना दी, अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने इस अवधि के दौरान 100 से कम धोखाधड़ी की सूचना दी.

यह भी पढ़ें-बिहार : बायोमेट्रिक मशीन पर वेरिफिकेशन के दौरान धोखाधड़ी, बैंक अकाउंट हुए खाली

Last Updated : Mar 29, 2022, 2:40 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details