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जेल में मसाज कराते हुए सत्येंद्र जैन का वीडियो वायरल, जेल सुपरिटेंडेंट निलंबित

जेल में मसाज कराते हुए सत्येंद्र जैन का वीडिया वायरल हुआ है. (Satyendar Jain getting massage in jail video) इसमें वह तिहाड़ जेल में मसाज कराते हुए नजर आ रहे हैं.

जेल में मसाज कराते हुए सत्येंद्र जैन का वीडियो वायरल, जेल सुपरिटेंडेंट निलंबित
जेल में मसाज कराते हुए सत्येंद्र जैन का वीडियो वायरल, जेल सुपरिटेंडेंट निलंबित

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Published : Nov 19, 2022, 1:25 PM IST

नई दिल्ली:मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन का जेल में मसाज कराते हुए वीडियो वायरल हो गया (Satyendar Jain getting massage in jail video) है. इस वीडियो को बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने आज सार्वजनिक शनिवार को सार्वजनिक कर दिया है. इससे पहले जेल में अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने के आरोपों की जांच के बाद, 14 नवंबर को दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने जेल नंबर 7 के सुपरिटेंडेंट अजीत कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश जारी किया था. इस संबंध में गत माह ईडी ने अदालत से शिकायत की थी कि सत्येंद्र जैन जेल में रहकर भी अपने प्रभाव का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं और वह जेल के नियमों का उल्लंघन कर रहे सुविधाओं का आनंद ले रहे हैं. साथ ही यह भी आरोप लगाया गया था कि जैन केस से संबंधित लोगों से भी जेल मिल रहे हैं. इसकी वीडियो ईडी ने कोर्ट को सौंपी थी.

जेल में मसाज कराते हुए सत्येंद्र जैन का वीडियो वायरल

इस पूरे मामले को लेकर वीडियो सामने आने के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने वीडियो जारी कर दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल पर सीधे तौर पर कई आरोप लगाने के साथ सवाल भी उठाए हैं. उन्होंने कहा है कि तिहाड़ के अंदर बंद सत्येंद्र जैन को सजा मिलने की जगह केजरीवाल की बदौलत मजा मिल रहा है. हवाला के आरोप में जेल की सलाखों के पीछे कैद सत्येंद्र जैन को पिछले 5 महीने से बेल नहीं मिल रही है लगातार उनकी जमानत याचिका रिजेक्ट हो रही है. इसके बावजूद भी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उन्हें अभी भी मंत्री बनाए रखा है. सत्येंद्र जैन को मंत्री इसलिए बनाए रखा गया था ताकि जेल में उन्हें वीवीआईपी सुविधाएं मिल सकें, मसाज करा सकें और वीवीआईपी की तरह रह सकें.

पूनावाला ने सवाल उठाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपराधियों के लिए तिहाड़ जेल में मसाज पार्लर खोल रखा है, ऐसा इस वीडियो के सामने आने के बाद प्रतीत हो रहा है. वीडियो के सामने आने के बाद यह भी साफ हो गया है कि किस तरह से दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले तिहाड़ जेल से सत्येंद्र जैन आखिर कैसे जेल से ही पैसों की उगाही कर रहे थे. इस तरह की चीजें सामने आने के बाद भी क्या अभी भी सत्येंद्र जैन को मंत्री बनाए रखा जाएगा.

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला

बीते दिनों लगाए गए इस आरोप के बाद बीजेपी नेता ने उपराज्यपाल से इसकी शिकायत की थी जिसके बाद उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को पूरे मामले की जांच करने को कहा था. इसके बाद मुख्य सचिव ने जांच के बाद जेल नंबर सात के सुपरिटेंडेंट अजीत कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश जारी किया था. वहीं दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी का ने भी कहा था कि, दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन तिहाड़ जेल में अपने प्रभाव का दुरुपयोग करते हुए न केवल सहअभियुक्तों से मिल रहे हैं बल्कि गवाहों से भी मिल रहे हैं. उन्हें जेल में अन्य सुविधाएं भी दी जा रही हैं और ये सारी घटनाएं सीसीटीवी फुटेज में कैद हैं. उन्होंने कहा था कि जेल अधिकारियों की मिलीभगत के बिना यह संभव नहीं है. उन्होंने अब मामले में लिप्त अन्य जेल कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है.

यह भी पढ़ें-सुकेश चंद्रशेखर का पत्र के जरिए नया आरोप, कहा- सत्येंद्र जैन ने 20 मिलियन डॉलर रुपयों में बदलवाए

इससे पहले बीजेपी नेता बिधूड़ी ने कहा था कि सत्येंद्र जैन अभी भी दिल्ली सरकार के मंत्री बने हुए हैं और 30 मई को गिरफ्तारी से पहले उनके पास स्वास्थ्य और जेल विभाग भी था. जेल अधिकारियों के साथ उनके पहले के संपर्क हैं जिनका वह अवैध लाभ उठा रहे हैं. उन्होंने कहा था कि यह करोड़ों की ठगी करने वाले सुकेश चंद्रशेखर जैसा ही मामला है जिसने जेल में करोड़ों की रिश्वत देकर सुविधाओं का लाभ उठाया. सत्येंद्र जैन अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं. गवाहों के साथ उनकी मुलाकात और सहअभियुक्तों से मिलने की घटना की सीसीटीवी फुटेज भी अदालत को मुहैया कराई गई है. सत्येंद्र जैन पहले भी इसी तरह जेल में रहते हुए अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्री होने के नाते उन्होंने दिल्ली सरकार के लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल से झूठा सर्टिफिकेट हासिल कर लिया था जिसमें कहा गया था कि उनकी तबीयत ठीक नहीं है और उन्हें अस्पताल में दाखिल कराया जाना चाहिए. जब अदालत ने ऐसा सर्टीफिकेट केंद्र सरकार के लोहिया अस्पताल से लाने के लिए कहा तो वह सर्टीफिकेट जमा नहीं करा पाए थे.

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