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Sadguru Riteshwar Maharaj: चंद आटा की थैलियों पर धर्मांतरण होता है, जब दो बोरी जाएगा तो सब वापस आ जाएंगे

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Published : Feb 7, 2023, 7:02 AM IST

रायपुर में लगातार धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है. सोमवार को सद्गुरु रितेश्वर महाराज का प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया था. सद्गुरु रितेश्वर महाराज ने धर्मांतरण पर एक बड़ा बयान दिया है, उन्होंने धर्मांतरण को सबसे बड़ा अपराध मानते हुए कहा कि "चंद आटा की थैलियों पर धर्मांतरण होता है. जब दो बोरी आटा आ जाएगा तो सब वापस आ जाएंगे. सतगुरु रितेश्वर महाराज दो दिवसीय रायपुर प्रवास पर पहुंचे हैं.

Sadguru Riteshwar Maharaj
सद्गुरु रितेश्वर महाराज का विवादित बयान

सद्गुरु रितेश्वर महाराज का विवादित बयान

रायपुर: सतगुरु रितेश्वर महाराज दो दिवसीय रायपुर प्रवास पर पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि "लार्ड मैकाले की शिक्षा व्यवस्था में भारत को गुलाब बनाना है. एक साजिश के तहत बाबर और औरंगजेब का इतिहास बताया और पढ़ाया गया है. रामकृष्ण को काल्पनिक बताया गया है. इसलिए हमारी मांग है कि सनातन शिक्षा बोर्ड का गठन किया जाए और सनातन शिक्षा दी जाए."

बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री पर कहा: बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री को लेकर उन्होंने कहा कि "सबसे बड़ा चमत्कार है. ज्ञान सिद्धि से वो इनकार नहीं करते, इनकार करने का मतलब रामायण महाभारत को नकारना पड़ेगा. सिद्धि का मतलब एक विशेष विद्या है. अलौकिक शब्द मतलब जो दिखता नहीं. वह किसी को बुलाते नहीं, लोग खुद ही आ जाते हैं. भारत लोकतांत्रिक देश है. जनता जिनके पास चाहे प्रवचन सुन सकती है."

रामचरितमानस विवाद पर बोले रितेश्वर महाराज: रामचरितमानस विवाद पर कहा कि "इसकी वजह वोट बैंक है, तो इसकी निंदा होनी चाहिए. भारत में सती प्रथा समाप्त कर दिया है. देश की सनातन संस्कृति विराट है. यहां किसी की जन भावना का अनादर नहीं होता. जाति व्यवस्था के कारण उत्पीड़न हुआ है. अपवाद कभी नियम नहीं हो सकते."

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"दाढ़ी बढ़ाने से कोई बाबा नहीं बन जाता": सद्गुरु रितेश्वर महाराज ने कहा कि "दाढ़ी बढ़ाने से कोई बाबा नहीं बन जाता, उनके पास ज्ञान होना चाहिए. मनोरंजन और मन का मंथन होना चाहिए. मैकाले की शिक्षा पढ़नी मेरी मजबूरी थी. डॉक्टरेट की डिग्री का कोई महत्व नहीं है. मेरे गुरु के ज्ञान से मेरे चेहरे पर मुस्कुराहट आई है. केमिस्ट्री का टॉपर हूं, लेकिन कोई काम नहीं आया है. जीविका का विद्या मिलेगी, जीवन का विद्या मिलेगा. दोनों ज्ञान बच्चे के पास रहेगा, तो सुशांत सिंह राजपूत नहीं बनेगा. 70 से 80 साल की जिंदगी मिली है. इसमें सुसाइड करना कौन सी जिंदगी है. अमेरिका, जापान और स्वीडन जैसे देशों में सबसे ज्यादा आत्महत्या और पागलपन है."

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