नई दिल्ली :रूस-यूक्रेन बीच छिड़े युद्ध के बीच हजारों की संख्या में मेडिकल छात्र भारत लौट रहे हैं. इसको देखते हुए फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) ने NEET PG-2021 परीक्षाओं के लिए कट ऑफ मानदंड में संशोधन के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) से अपील की है. प्रसिद्ध स्वास्थ्य विशेषज्ञ और एशियन सोसाइटी ऑफ इमरजेंसी मेडिसिन (Asian Society of Emergency Medicine) के अध्यक्ष डॉ. तामोरिश कोले (Dr. Tamorish Kole) ने कहा कि 'यह नियमित तौर पर नहीं हो सकता लेकिन वर्तमान में जो हालात हैं, उनको देखते हुए सरकार एक बार कट ऑफ अंक में ढील देने पर विचार कर सकती है.'
डॉ. तामोरिश कोले ने कहा कि इस तरह के कट ऑफ अंक इसलिए रखे जाते हैं कि योग्य चिकित्सा उम्मीदवार आगे आ सकें. FAIMA ने हाल ही में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) से अपील की थी कि NEET PG 2021 काउंसलिंग प्रक्रिया में अभूतपूर्व देरी के बाद लगभग पूरा शैक्षणिक सत्र बर्बाद हो गया है. अब हाई कट ऑफ स्कोर का मतलब है कि मेडिकल छात्र एडमिशन नहीं ले पाएंगे, जिससे 6000 सीटें खाली रह जाएंगी, जबकि छात्रों को अगली एनईईटी पीजी परीक्षा की तैयारी के लिए अपना कीमती एक साल बर्बाद करना पड़ेगा.
NEET PG 2021 के लिए वर्तमान में अनारक्षित वर्ग के कट ऑफ नंबर 302 हैं. आरक्षित वर्ग (SC/ST/OBC) के लिए 265 और दिव्यांगों की आरक्षित श्रेणियों के लिए, कट ऑफ अंक 283 हैं. गौरतलब है कि ये पूर्ण अंक हैं जिन्हें एनईईटी और पीजी में चयनित होने के लिए कट ऑफ अंक के रूप में रखा गया है. हाई कट ऑफ स्कोर के कारण इच्छुक मेडिकल छात्र न केवल पोस्ट ग्रेजुएशन में प्रवेश नहीं पाते हैं, बल्कि आगे की पढ़ाई के लिए उन्हें विदेशों का रुख करना पड़ता है. इसका खामियाजा ये भी होता है कि भारत में मेडिकल स्टाफ की कमी पूरी नहीं हो पा रही है.
FAIMA के महासचिव डॉ. हरीश पाठक ने कहा, हाल के वर्षों में हमने महामारी का जो दौर देखा है, उससे निपटने के लिए डॉक्टरों की पर्याप्त संख्या जरूरी है. रूस-यूक्रेन के युद्ध के कारण बहुत से लोगों का भविष्य दांव पर लगा है. हम पहले ही एक महत्वाकांक्षी डॉक्टर की जान गंवा चुके हैं. ऐसे समय में और प्रतिभा को खोने का जोखिम नहीं उठा सकते हैं.