कीव : यूक्रेन में इस वक्त भीषण जंग जारी है. रूस रूकने का नाम नहीं ले रहा है. खबर के मुताबिक रूस की रफ्तार को रोकने के लिए नाटो सैन्य अभ्यास करने की योजना बना रहा है. जिसके तहत यूरोप में नाटो तथा अन्य उत्तर अटलांटिक देशों के हजारों सैनिक कई सैन्य अभ्यासों में भाग लेंगे. विमान, टैंकों, तोपों और बख्तरबंद वाहनों के साथ ये अभ्यास फिनलैंड, पोलैंड, उत्तर मेसीडोनिया और एस्टोनिया-लातविया सीमा पर होंगे. इसमें नाटों और संयुक्त अभियान बल के सैनिक शामिल होंगे. संयुक्त अभियान बल में गैर नाटो सदस्य फिनलैंड और स्वीडन शामिल हैं.
अगले महीने नाटो के 18,000 सैनिक एस्टोनिया-लातविया सीमा पर ‘एक्सरसाइज हेडगेहोग’ में भाग लेंगे. मई के अंत में करीब 1,000 ब्रिटिश सैनिक पोलैंड में एक्सरसाइज डिफेंडर के लिए 11 अन्य देशों की सेनाओं के साथ शामिल होंगे. ब्रिटेन रूसी सैनिकों द्वारा यौन हिंसा समेत युद्ध अपराधों की खबरों की जांच करने में स्थानीय प्राधिकारियों की मदद करने के लिए यूक्रेन में विशेषज्ञों का एक दल भेज रहा है. यूक्रेन की सेना ने खारकीव के समीप गांव को फिर से अपने नियंत्रण में लिया : वहीं, एक महीने से अधिक समय तक रूस के कब्जे में रहे रुस्का लोजावा गांव से सैकड़ों लोगों को निकालकर नजदीकी खारकीव लाया गया है. खारकीव के क्षेत्रीय गवर्नर के अनुसार, भीषण लड़ाई के बाद गांव की लगभग आधी आबादी बसों, कारों या पैदल ही भाग निकली. लड़ाई में रूसी सैनिकों को खदेड़ दिया गया और यूक्रेनी सेना ने गांव को पूरी तरह अपने नियंत्रण में ले लिया है.
सेना द्वारा पोस्ट किए गए एक वीडियो में सैनिकों को गांव के केंद्र में सरकारी इमारत पर यूक्रेन का ध्वज लहराते हुए देखा गया. हालांकि, बाहरी इलाकों में लड़ाई अभी चल रही है. इस गांव से महज 20 किलोमीटर से कम दूरी पर स्थित खारकीव पहुंचने पर ग्रामीणों ने बताया कि वे बेहद खराब परिस्थितियों में बेसमेंट में रहे और उनके पास पर्याप्त पानी, भोजन और बिजली भी नहीं थी.
अमेरिका का पूर्व मरीन जंग में मारा गया : रूस के साथ जंग में यूक्रेन की तरफ से लड़ रहे एक पूर्व अमेरिकी मरीन की मौत हो गई. उसके संबंधियों ने मीडिया संगठनों को इसकी जानकारी दी. इस पूर्व मरीन को यूक्रेन में जंग में भाग लेते हुए मरने वाला पहला अमेरिकी नागरिक माना जा रहा है. अमेरिकी मरीन की मां रेबेका काबरेरा ने बताया कि उसका 22 साल का बेटा विली जोसेफ कैंसल सोमवार को मारा गया . उन्होंने बताया कि वह एक सैन्य कंपनी के लिये काम करता था जिसने उसे यूक्रेन भेजा था.