नई दिल्ली : भारत में रूस के राजदूत निकोलाय कुदाशेव ने सोमवार को कहा कि रूस और भारत की समान चिंता है कि अफगानिस्तान की भूमि का उपयोग दूसरे देशों में आतंकवाद फैलाने के लिए नहीं होना चाहिए तथा रूसी सरजमीं तथा कश्मीर में आतंकवाद फैलने का 'खतरा' है.
कुदाशेव ने यह भी कहा कि अफगानिस्तान के संपूर्ण हालात पर रूस तथा भारत के रुख के बीच बहुत अंतर नहीं है और तालिबान के शासन को मान्यता देने में मॉस्को की सोच तालिबान की कार्रवाइयों पर निर्भर करेगी.
कुदाशेव ने एक साक्षात्कार में कहा कि रूस चाहेगा कि अफगानिस्तान में समावेशी सरकार हो जो सुरक्षा, स्थिरता सुनिश्चत कर सके. रूसी राजदूत ने कहा कि अफगानिस्तान पर भारत और रूस के बीच सहयोग की अपार संभावनाएं हैं और दोनों पक्षों ने वहां के घटनाक्रम पर एक दूसरे से संपर्क साध रखा है.
कुदाशेव ने कहा, 'भारत और रूस दोनों अफगानिस्तान के हालात को लेकर चिंतित हैं. हम समावेशी सरकार चाहते हैं. हम चाहते हैं कि अफगानिस्तान की भूमि का क्षेत्र के अन्य देशों में आतंकवाद फैलाने के लिए उपयोग नहीं होना चाहिए.'
उन्होंने कहा, 'ये बहुत बुनियादी मूल्य हैं जो रूस तथा भारत को साथ लाते हैं. मैं अफगानिस्तान पर हमारे रुख में ज्यादा अंतर नहीं देखता.'
जब राजदूत से पूछा गया कि क्या रूस, अफगानिस्तान से आतंकवाद फैलने के संभावित खतरे को लेकर चिंतित है तो उन्होंने जवाब दिया, 'निश्चित रूप से'. उन्होंने कहा कि किसी भी तरह का गृह युद्ध बढ़ना क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य के लिए नुकसानदेह होगा.
अफगानिस्तान से गतिविधियां चला रहे विभिन्न आतंकवादी संगठनों का ध्यान संघर्ष प्रभावित देश से कहीं ओर जाने की संभावना के प्रश्न पर उन्होंने कहा, 'जहां तक आतंकवाद की बात है, हम भारत के साथ अपनी चिंताएं साझा करते हैं. रूस के क्षेत्र और कश्मीर के क्षेत्र तक आतंकवाद फैलने का खतरा है. यह साझा चिंता का मसला है.'