चंडीगढ़: अक्सर देखा जाता है कि बड़े-बड़े ग्रॉसरी स्टोर और शॉपिंग मॉल में खरीदारी करने के बाद बिलिंग काउंटर पर ग्राहकों से उनका नंबर मांगा जाता है. जबकि खरीदारी से ग्राहक के निजी नंबर का कोई मतलब नहीं होता. इसी बात को सिद्ध करते हुए चंडीगढ़ के एडवोकेट द्वारा निजी कैफे के खिलाफ कंज्यूमर कोर्ट में शिकायत दर्ज की गई थी. जिसके नतीजे में चंडीगढ़ राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग द्वारा कैफे के मालिक व कर्मचारी को आदेश जारी किया कि उनके द्वारा किसी भी ग्राहक से उसका निजी मोबाइल नंबर के साथ-साथ कोई और जानकारी नहीं मांगी जाए.
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दरअसल पंचकूला के रहने वाले एडवोकेट पंकज चांदगोठिया की ओर से कॉफी शॉप के खिलाफ याचिका दायर की गई थी. शिकायत के मुताबिक 4 सितंबर 2023 को वो सेक्टर 10 स्थित कॉफी बीन एंड टी लीव कैफे से कॉफी खरीदने गए थे, जहां उन्हें कैफे कैशियर द्वारा कोल्ड कॉफी के ऑर्डर के पैसे चुकाने के दौरान निजी नंबर मांगा गया. मोबाइल नंबर ना देने की इच्छा जताते हुए एडवोकेट पंकज चांदगोठिया ने नंबर देने से इनकार कर दिया, लेकिन कैशियर द्वारा ये कहते हुए उनसे नंबर लिया कि कंप्यूटर में डालने के बाद ही उनका बिल जनरेट होगा.
कैशियर के बार-बार कहने के बाद उन्होंने अपना फोन नंबर दे दिया, लेकिन इसके बाद उनके फोन पर कुछ मैसेज आने शुरू हो गए. जिसमें उन्हें कुछ पॉइंट मिलने की बात कही गई. मैसेज में लिखा गया था कि वो इन पॉइंट के जरिए एक बार फिर इसी कैफे से कॉफी खरीद सकते हैं. इसके बाद उन्हें लगा कि इस तरह के मैसेज मिलना एक तरफ का जबरदस्ती है. ये ग्राहक की अपनी इच्छा होती है कि वो कहां से सामान खरीदना चाहता है. याचिकाकर्ता ने मजबूरन इस तरह के प्रचलन पर सवाल उठाते हुए कंज्यूमर कोर्ट में याचिका दायर की.
एडवोकेट पंकज चांदगोठिया ने बताया कि कैफे के खिलाफ शिकायत करने से पहले मैंने इस तरफ के मामलों में भारत सरकार द्वारा बनाए गए नियमों की जानकारी जुटाई. जिसमें पता चला कि 26 मई 2023 को एक अधिसूचना जारी की गई कि सभी खुदरा यानी रिटेल विक्रेताओं और विक्रेताओं संघों द्वारा किसी भी ग्राहक से उसकी निजी जानकारी नहीं ली जाएगी. इसी नियम के अनुसार कोई भी व्यक्ति अगर किसी भी तरह का सामान खरीदना है, तो ऐसे में उसका निजी मोबाइल नंबर और पता नहीं पूछा जाएगा.
ऐसे में अगर कोई भी विक्रेता द्वारा ग्राहक से जबरदस्ती नंबर लेने की मांग की जाती है, तो वो उपभोक्ता के अधिकारों का उल्लंघन होगा. एडवोकेट पंकज चांदगोठिया ने बताया कि शिकायत की सुनवाई करते हुए आयोग ने चंडीगढ़ सेक्टर 10 स्थित कैफीन एंड टी लीफ कैफे के मलिक को आदेश जारी किया कि वो किसी भी ग्राहक से मोबाइल नंबर समेत अन्य कोई निजी जानकारी नहीं लेंगे. इसके साथ ही कैफे के मालिक और उसके फ्रेंचाइजी धारक को विजन हॉस्पिटैलिटी सॉल्यूशंस की शिकायत का जवाब देने के लिए 6 अक्टूबर 2023 को आयोग में पेश होने का आदेश जारी किया.
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एडवोकेट पंकज चांदगोठिया ने बताया कि कंपनी और शॉपिंग मॉल द्वारा अक्सर भोले-भाले लोगों से उनका निजी नंबर और पता मांगा जाता है. जिसके चलते इन नंबरों को बड़े स्तर पर अन्य स्कैम करने वाली कंपनियों को बेच दिया जाता है. जिसके चलते लोगों को तरह-तरह के लुभाने वाले फोन कॉल्स आते हैं. इन कॉल्स में दिए गए लिंक को दबाने से किसी भी व्यक्ति के बैंक से पैसा पूरी तरह साफ हो सकता है. सोचने वाली बात ये है कि इन स्कैम करने वाली कंपनियों के पास हमारे नंबर किस तरह पहुंचते हैं. जबकि किसी भी आम व्यक्ति द्वारा अपना नंबर अपने जानकारों के अलावा और कहीं नहीं दिया जाता. इन नंबरों को इन छोटी और बड़ी दुकानों द्वारा ही आगे बेचा जाता है. ऐसे में अगर कोई भूले भटके अपना नंबर में खरीदारी के समय इस्तेमाल करता है. तो इन स्कैम करने वाली कंपनियों को पता चल जाता है कि ये व्यक्ति पैसे खर्च करने वाला है और वे कंपनियां उन्हें झांसा में लाने के लिए एसएमएस भेजने शुरू कर देती हैं