कोलकाता : भाजपा आने वाले दिनों में पश्चिम बंगाल में अपना संगठनात्मक ढांचा बदलने को तैयार है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) इस पर नियंत्रण के लिए दबाव बना रहा है.
आरएसएस (RSS) चाहता है कि नए ढांचे में उसके विश्वासपात्रों की ज्यादा भागीदारी हो. साथ ही आरएसएस ने भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को स्पष्ट संदेश दिया है कि दलबदलुओं से ज्यादा उन लोगों पर ध्यान दिया जाना चाहिए जो पार्टी के वफादार रहे हैं.
इस संबंध में नागपुर में आरएसएस मुख्यालय से भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष के पास एक स्पष्ट संदेश आया है. संदेश भेजने वाले कोई और नहीं बल्कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत हैं.
टीएमसी से आए नेताओं को अहम भूमिका देने के पक्ष में नहीं
आरएसएस सूत्रों का कहना है कि शुभेंदु अधिकारी जैसे कुछ नेताओं को छोड़कर, संघ के शीर्ष नेता तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से भाजपा में आने वाले नेताओं को महत्वपूर्ण संगठनात्मक पदों पर रखने के पक्ष में नहीं हैं.
सूत्रों का कहना है कि हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद आरएसएस के शीर्ष नेताओं ने पूरी स्थिति पर शुरुआती चर्चा की है. इसके बाद कुछ टिप्पणियां कीं जिनमें प्रमुख रूप से ये बात निकलकर आई कि पार्टी की चुनावी कार्रवाई पर आरएसएस का नियंत्रण बहुत कम था. यही वजह रही कि तृणमूल कांग्रेस से आने वाले कई नेताओं को पार्टी में महत्वपूर्ण पद दिए गए.