रायपुर :छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद प्रदेश में कांग्रेस के विधायकों की संख्या ज्यादा थी. ऐसा माना जा रहा था कि साल 2003 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार छत्तीसगढ़ में बनेगी.लेकिन, विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस से अलग होकर विद्याचरण शुक्ल ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली, फिर कई कांग्रेसियों को एनसीपी में प्रवेश कराया. परिणाम ये रहा कि, कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का किला ढह गया. भारतीय जनता पार्टी का उदय हुआ. इसके बाद तो 15 साल तक बीजेपी ने प्रदेश में राज किया.2003 में एनसीपी को 7.02 फीसदी वोट और 1 सीट मिली. बसपा को 4.45 फीसदी वोट के साथ 2 सीटें मिली. भले ही 2003 में दोनों ही क्षेत्रीय दलों ने ज्यादा विधायक विधानसभा नहीं भेजे लेकिन एक बड़ा वोट जरुर कैप्चर किया.
हर चुनाव में अलग स्थिति :वरिष्ठ पत्रकार अनिरुद्ध दुबे ने बताया कि, '' छत्तीसगढ़ में हर चुनाव में अलग-अलग परिस्थितियां रही हैं. अविभाजित मध्यप्रदेश के समय जब काशीराम ने बहुजन समाज पार्टी बनाई. तब छत्तीसगढ़ में उन्होंने दाऊ राम रत्नाकर और डॉ कुन्ती कुर्रे को जिमेदारी सौंपी थी. इसके बाद से ही बहुजन समाज पार्टी हर चुनाव में अपनी उपस्थिति दर्ज कराती है. तत्कालीन मध्यप्रदेश में छत्तीसगढ़ के क्षेत्र से 1 से 2 सीटें बसपा को मिलती रहीं हैं. पामगढ़, जैजैपुर नैला जांजगीर जैसे क्षेत्रों में बहुजन समाज पार्टी का असर है. वहीं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के हीरासिंह मरकाम जिनकी, छत्तीसगढ़ में 1 सीट थी. जब राज्य का गठन हुआ तब यह लग रहा था कि, आदिवासी क्षेत्र को गोंडवाना गणतंत्र पार्टी प्रभावित कर सकती है. लेकिन धीरे-धीरे पार्टी कमजोर हो गई. साल 2003 चुनाव में एनसीपी के साथ समाजवादी पार्टी ने भी छत्तीसगढ़ में कदम रखा था. एनसीपी को 7 प्रतिशत वोट मिले और अजीत जोगी की सरकार बनते बनते रह गई.''
2008 में पार्टियों के वोट शेयर पर नजर :इसके बादसाल 2008 में विधानसभा चुनाव में 70.51 प्रतिशत मत पड़े. भारतीय जनता पार्टी को 40.35 प्रतिशत मत मिले और 50 सीटें भाजपा जीतने में सफल रही.कांग्रेस पार्टी को 38.63 प्रतिशत वोट मिले और 38 विधायक जीत कर आए. बहुजन समाज पार्टी को 6.11 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए. वहीं इस चुनाव में बसपा को 2 सीटें हासिल हुईं. नेशनल कांग्रेस पार्टी को 0.52 प्रतिशत वोट मिले. इस साल एनसीएपी को एक सीट से हाथ धोना पड़ा. अन्य दलों को 5.92 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए और निर्दलीय प्रत्याशियों का 8.47 प्रतिशत वोट शेयर रहा.
2013 में पार्टियों का वोट शेयर :साल 2013 विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 41.4 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए 49 सीटों पर भाजपा विजय रही. कांग्रेस को 40.29 प्रतिशत वोट मिले और 39 विधायक जीत कर आए. बहुजन समाज पार्टी को 4.27 प्रतिशत वोट मिले. एक विधायक की जीत हुई. इस चुनाव में एक निर्दलीय प्रत्याशी की जीत हुई. निर्दलीय प्रत्याशियों को 5.3 प्रतिशत वोट मिले. इस चुनाव में छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच को 1.7 प्रतिशत वोट मिले. गोंडवाना गणतंत्र पार्टी को 1.6 प्रतिशत , अन्य पार्टी और कैंडिडेट को 2.7 प्रतिशत और नोटा में 3.1 प्रतिशत वोट पड़े.