पटना :पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी से हाथ मिला कर राजद ने बड़ा संदेश देने की कोशिश की है. एक तरफ विपक्ष के वोटों में बिखराव ना हो ये राजद की कोशिश है और दूसरी तरफ कांग्रेस और वामदलों को आइना दिखा कर राजद ने कहीं ना कहीं यह जताने की कोशिश की है कि भाजपा के खिलाफ मुकाबले में इस बार मुख्य रूप से सिर्फ ममता बनर्जी ही हैं.
दरअसल, पिछले कुछ महीनों से पश्चिम बंगाल चुनाव को लेकर राष्ट्रीय जनता दल में बड़ी तैयारी देखी जा रही है. राजद के 2 बड़े नेता पश्चिम बंगाल का दौरा भी कर चुके हैं. राजद के नेताओं की ओर से कहा जा रहा है कि पार्टी अपने संगठन और कार्यकर्ताओं को निराश नहीं करेगी और पश्चिम बंगाल चुनाव में 7 से 12 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, लेकिन ऐन मौके पर जब तेजस्वी यादव ममता बनर्जी से मिलने पहुंचे, तो मुलाकात के बाद दोनों ने संयुक्त रूप से एलान कर दिया कि राजद और तृणमूल कांग्रेस एक साथ चुनाव लड़ेंगे और राजद ने तृणमूल को बिना शर्त समर्थन दिया है.
भाजपा को हराना है लक्ष्य
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में बिहार की तरह ही गठजोड़ की उम्मीदें लगाए बैठे कांग्रेस और वामदलों को इससे बड़ी निराशा हुई है. हालांकि, कांग्रेस के नेता इसे स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं. प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि 'बिहार में राजद के साथ हमारा गठबंधन जरूर है, लेकिन अन्य राज्यों में पार्टी अपना निर्णय लेने को स्वतंत्र है.'
राजद नेता सुबोध कुमार ने कहा कि 'हमारा एकमात्र लक्ष्य भाजपा को रोकना है और इसके लिए हम कोई नफा नुकसान नहीं देखने वाले. हमने ममता बनर्जी को इसी वजह से बिना शर्त समर्थन दिया है.'