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नदी जोड़ो परियोजना को गति देने के लिये बजटीय आवंटन, प्राधिकार के गठन का प्रस्ताव

सरकार देश में पिछले कुछ वर्षों में नदी जोड़ो परियोजनाओं के अटके कार्यों को गति प्रदान करने में जुटी है. इस उद्देश्य से बजटीय आवंटन की व्यवस्था करने के साथ प्रक्रियागत विषयों की देखरेख के लिये राष्ट्रीय नदी जोड़ो प्राधिकार का गठन करने जा रही है.

river interlinking project
नदी जोड़ो परियोजना

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Published : Dec 5, 2021, 4:21 PM IST

नई दिल्ली : सरकार देश में पिछले कुछ वर्षों में नदी जोड़ो परियोजनाओं के अटके कार्यों को गति प्रदान करने में जुटी है और इस उद्देश्य से बजटीय आवंटन की व्यवस्था करने के साथ प्रक्रियागत विषयों की देखरेख के लिये 'राष्ट्रीय नदी जोड़ो प्राधिकार' (नीरा) का गठन करने जा रही है.

वित्त वर्ष 2021-22 के अनुदान की अनुपूरक मांग के दूसरे बैच (खंड) के दस्तावेज के अनुसार, सामान्य सहायता अनुदान योजना के तहत नदियों को जोड़ने की परियोजनाओं संबंधी व्यय के लिये संसद से 4,300 करोड़ रूपये की मंजूरी मांगी गई है.

सूत्रों ने बताया, 'पिछले महीने जल शक्ति मंत्री की अध्यक्षता में नदी जोड़ो परियोजना पर विशेष समिति की बैठक हुई थी, जिसमें राज्यों के जल संसाधन मंत्रियों, वरिष्ठ अधिकारियों एवं विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया था. इस बैठक में 'राष्ट्रीय नदी जोड़ो प्राधिकार' (नीरा) के गठन के प्रस्ताव पर चर्चा हुई.'

उन्होंने बताया कि 'नीरा' एक स्वायत्त निकाय होगा, जो राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में नदी जोड़ो परियोजना एवं राष्ट्रीय महत्व की अन्य परियोजनाओं के संबंध में कार्ययोजना बनाने, जांच करने, वित्त पोषण और इन्हें लागू करने से जुड़े विषयों की देखरेख करेगा.

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय नदी जोड़ो प्राधिकार की अध्यक्षता भारत सरकार में सचिव स्तर के अधिकारी करेंगे और इसका मुख्यालय दिल्ली में होगा. यह नदी जोड़ो परियोजना को लेकर केंद्र एवं राज्यों के बीच सेतु का काम करेगा.

सूत्रों ने बताया, 'प्रस्तावित निकाय पड़ोसी देशों एवं संबंधित राज्यों/विभागों के साथ समन्वय तथा आमसहमति बनाने का काम करेगा. नीरा सभी नदी जोड़ो परियोजनाओं के लिये एक छतरी का काम करेगी और सभी नदी जोड़ो परियोजना के लिये अपनी-अपनी विशेष उद्देशीय कंपनी (एसपीवी) होगी.'

जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार, राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण (एनडब्ल्यूडीए) को 10 राज्यों से अंतर राज्यीय नदियों को जोड़ने के संबंध में 49 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं. इनमें से 37 पर साध्यता पूर्व रिपोर्ट पूरी हो चुकी है. इन राज्यों में महाराष्ट्र, गुजरात, झारखंड, ओडिशा, बिहार, राजस्थान, तमिलनाडु, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश शामिल हैं.

मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इनमें से चार नदी जोड़ो परियोजना के संबंध में विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर ली गई है. इनमें बिहार की बुढ़ी गंडक-नून-बाया-गंगा तथा कोसी-मेछी लिंक परियोजना, तमिलनाडु की पोनियार-पालार लिंक परियोजना तथा महाराष्ट्र की वेनगंगा-नालगंगा लिंक परियोजना शामिल हैं.

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सूत्रों ने बताया कि इन चार अंतर राज्यीय नदी जोड़ो परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को संबंधित राज्यों को भेज दिया गया है. उन्होंने बताया कि बिहार की नदी जोड़ो परियोजनाओं की स्थिति पर जुलाई 2021 में भविष्य के कदमों को लेकर चर्चा की गई, जबकि महाराष्ट्र के दमनगंगा-गोदावरी लिंक तथा दमनगंगा-वैतरना-गोदावरी लिंक की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने पर काम जारी है.

उन्होंने बताया, 'सरकार ने नदियों को जोड़ने के कार्यक्रम को उच्च वरीयता में रखा है, लेकिन परियोजनाओं का कार्यान्वयन संबंधित राज्यों के बीच सर्वसम्मति पर निर्भर करता है.'

(पीटीआई-भाषा)

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