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'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' पर एक रिक्शे वाले की मुहिम, पढ़ें दिलचस्प कहानी

विदिशा के राम प्रकाश रिक्शा चलाते हैं, राम प्रकाश ने अपने रिक्शे पर 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, बेटी बढ़ाओ' का स्लोगन लिखवाया हुआ है और वह अक्सर लोगों को बेटियों की पढ़ाई को लेकर चर्चा करते हैं. राम प्रकाश की खुद की पांच बेटियां हैं, वह अपनी बेटियों को पढ़ाने और उनकी सुरक्षा के लिए लोगों को जागरूक करने का हर वक्त प्रयास करते हैं.

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Published : Apr 20, 2021, 6:43 AM IST

Rickshaw driver campaigning
Rickshaw driver campaigning

विदिशा :भारत में बेटियों को सशक्त, आत्मनिर्भर बनाने के लिए पिछले कई वर्षों में अलग-अलग सरकारों ने अनेकों प्रयास किए हैं. देश की बेटियों को अच्छी शिक्षा मिले वह भी लड़कों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलें इसके लिए सरकारों के प्रयास काफी सफल हुए हैं. लिहाजा आज लड़कियां देश के सर्वोच्च पदों पर काम कर रही हैं. वहीं, इन बेटियों को सशक्त करने का प्रयास अगर कोई ऐसा शख्स करें जो खुद सड़क पर मेहनत कर दो वक्त की रोटी कमाता हो तो यह प्रयास काफी अहम हो जाता है. एक रिक्शे वाले की बेटी, ऑटो वाले की बेटी जब आईएएस जैसी परीक्षा पास करती हैं तो इनके पीछे भी ऐसे ही लोगों के हौसले जुड़े रहते हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

विदिशा के राम प्रकाश की कहानी कुछ ऐसी ही
मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के राम प्रकाश रिक्शा चलाते हैं, राम प्रकाश ने अपने रिक्शे पर 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, बेटी बढ़ाओ' का नारा लिखवाया हुआ है और वह अक्सर लोगों को बेटियों की पढ़ाई को लेकर चर्चा करते हैं. वहीं, राम प्रकाश की खुद की पांच बेटियां हैं, वह अपनी बेटियों को पढ़ाने और उनकी सुरक्षा के लिए लोगों को जागरूक करने का हर वक्त प्रयास करते हैं. राम प्रकाश का कहना है कि उन्हें अपनी बेटियों पर गर्व है, वह एक दिन उनका नाम जरुर रोशन करेंगी.

पीएम मोदी की योजना का प्रचार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की बेटियों के उत्थान, उन्हें स्वावलंबी बनाने के लिए 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' योजना की शुरुआत 22 जनवरी 2015 को पानीपत, हरियाणा में की थी. 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' योजना से शिशु लिंग अनुपात में कमी रोकने में मदद मिली है और देश के हर हिस्से की महिलाएं-बेटियां मजबूती से आगे बढ़ी हैं. भारत में बेटियों को दबाया जाता रहा है, लिहाजा हरियाणा जैसे प्रदेशों में लिंग अनुपात में एक बड़ा अंतर देखने को मिला है.

पढ़ें-बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की हकीकत : आज भी कोख में मरने को मजबूर हैं बेटियां

पिछले 5 वर्षों से मुहिम चला रहा रिक्शावाला
रिक्शा चालक राम प्रकाश कहते हैं कि उन्हें 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ बेटी बढ़ाओ' नारे के साथ आगे बढ़ाने के प्रयास को 5 साल से ऊपर हो गए हैं. इस नारे के साथ वह कई बार भोपाल में भी प्रचार कर आए हैं. राम प्रकाश अपने रिक्शे से बच्चियों को स्कूल ले जाते हैं. राम प्रकाश की बेटियां 9वीं, दसवीं में पढ़ रही हैं. राम प्रकाश कम पढ़े लिखे होने के बावजूद अपनी बेटियों को अच्छी शिक्षा दे रहे हैं. वह कहते हैं कि खाने के लिए 2 रोटी कम हो जाए पर लड़कियों के लिए किताबें कम नहीं पड़नी चाहिए.

महिला एवं बाल विकास विभाग ने की राम प्रकाश की तारीफ
राम प्रकाश की इस मुहिम पर विदिशा केमहिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी बृजेश शिवहरे ने उनके काम को सराहा. उन्होंने कहा कि ऐसे छोटे-छोटे प्रयासों से हम अपने विदिशा जिले की बेटियों को आगे बढ़ा सकते हैं, उनको अच्छी शिक्षा दे सकते हैं. हम चाहेंगे कि सभी लोग इसी तरह छोटे-छोटे प्रयास करते रहें तो हम निश्चित रूप से बेटियों को बचाने में सफल होंगे.

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