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वरिष्ठ आईएएस उत्पल कुमार ने संभाला लोकसभा महासचिव का पदभार

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Published : Dec 1, 2020, 2:47 PM IST

Updated : Dec 1, 2020, 3:31 PM IST

वरिष्ठ आईएएस उत्पल कुमार सिंह ने मंगलवार को लोकसभा महासचिव का पदभार संभाला. 1986 बैच के आईएएस अधिकारी उत्पल कुमार ने स्नेहलता श्रीवास्तव की जगह ली. उत्पल कुमार की गिनती देश के ईमानदार, निर्विवाद और साफ सुथरी छवि वाले अफसरों में होती है.

Utpal Kumar
उत्पल कुमार सिंह

देहरादून:लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने रिटायर्ड आईएएस अधिकारी उत्पल कुमार सिंह को सेक्रेटरी-जनरल लोकसभा और लोकसभा सचिवालय के कैबिनेट सचिव के रूप में नियुक्त किया है. आज (एक दिसंबर 2020) उत्पल कुमार सिंह ने अपना पदभार संभाल लिया है. बता दें कि वरिष्ठ आईएएस अधिकारी उत्पल कुमार सिंह उत्तराखंड के मुख्य सचिव रह चुके हैं.

उत्तराखंड से रिटायर होने के बाद उन्हें लोकसभा सचिव नियुक्त किया गया था. 30 नवंबर को वर्तमान लोकसभा महासचिव स्नेहलता श्रीवास्तव के रिटायरमेंट के बाद उत्पल कुमार सिंह की नियुक्ति लोकसभा महासचिव के पद पर की गई है.

लोकसभा महासचिव बने उत्पल कुमार

ऐसा रहा पूर्व का कार्यकाल
रिटायर्ड आईएएस उत्पल कुमार सिंह ने अपनी 34 साल की सर्विस में यूपी के मुजफ्फरनगर और आजमगढ़ जैसे चुनौती भरे जिलों से लेकर पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में अपनी सेवाएं दी हैं. जून 2000 में उत्पल कुमार सिंह की पोस्टिंग सबसे पहले उत्तराखंड में बतौर कुमाऊं मंडल विकास निगम में मैनेजिंग डायरेक्टर पद पर हुई थी.

उत्तराखंड राज्य की स्थापना के बाद उन्हें नैनीताल जिले का डीएम बनाया गया, जहां उन्होंने तकरीबन सवा साल तक अपनी सेवाएं दीं और इसके बाद उनकी पदोन्नति सचिव स्तर पर हो गई. साल 2002 में उत्पल कुमार को गढ़वाल मंडल विकास निगम का एमडी बनाया गया.

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एक के बाद एक कई विभागों का अनुभव
सचिव स्तर पर पदोन्नति पाने के बाद उत्पल कुमार सिंह को वर्ष 2003 में अर्धकुंभ मेला अधिकारी बनाया गया. उन्होंने अर्धकुंभ 2004 में सफलतापूर्वक अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया. इस बीच वह हायर स्टडी के लिए विदेश चले गए. वर्ष 2006 में उन्हें पीडब्ल्यूडी सचिव बनाया गया, उसके बाद जलागम सचिव बने. एक के बाद एक कई विभागों का अनुभव उन्हें उत्तराखंड में मिलता गया.

इन जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया
रिटायर्ड आईएएस अधिकारी उत्पल कुमार सिंह की कुशल कार्यक्षमता और उनकी बेहतरीन कार्यशैली को देखते हुए उन्हें वर्ष 2012 में भारत सरकार में भेजा गया, जहां उन्होंने कृषि मंत्रालय में संयुक्त सचिव की जिम्मेदारी का निर्वहन किया. यहां उन्हें पदोन्नति के बाद अपर सचिव बनाया गया और उसके बाद अक्टूबर 2017 में उत्तराखंड सरकार ने उन्हें वापस उत्तराखंड बतौर मुख्य सचिव बुला लिया. इसके बाद वह लगातार उत्तराखंड में अपनी सेवाएं दे रहे थे.

उत्तराखंड में चल रहे पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के लिए केंद्र ने अपना एक जिम्मेदार अधिकारी उत्तराखंड भेजा था. मुख्य सचिव के तौर पर उन्होंने अपनी इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाया.

Last Updated : Dec 1, 2020, 3:31 PM IST

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