बांदा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 जुलाई को बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का उद्घाटन (bundelkhand expressway inauguration) किया था और इस एक्सप्रेसवे को उन्होंने जनता को सुपुर्द कर दिया था. सरकार व यूपीडा ने दावा किया था कि बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को रिकॉर्ड समय में बनाकर तैयार कर दिया गया है. अब एक्सप्रेसवे के जरिए आप आसानी से दिल्ली पहुंच सकेंगे. चित्रकूट से शुरू हुआ बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (bundelkhand expressway route) आगरा यमुना एक्सप्रेसवे (Agra Yamuna Expressway) से जुड़ा है और इसकी दूरी 296 किलोमीटर है. लेकिन, अगर आप सरकार और यूपीडा के दावों को ध्यान में रखकर इस एक्सप्रेसवे पर वाहनों को तेज रफ्तार से चलाते हैं तो आप मुसीबत में जरूर पड़ सकते हैं. क्योंकि बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर अभी भी जगह-जगह पर निर्माण कार्य किया जा रहा है.
यही नहीं एक्सप्रेसवे सुरक्षा के अन्य लिहाज से भी अभी तैयार नहीं है. क्योंकि बैरिकेडिंग न होने की वजह से इसमें आवारा गोवंश और अन्य जानवर आपको आसानी से मिल जाएंगे. अगर आप रात में सफर तय कर रहे हैं तो अपने वाहनों की रफ्तार उतनी ही रखें, जितना कि आप कंट्रोल कर सकें. क्योंकि कभी भी आपका वाहन किसी भी चीज से टकरा सकता है और आप हादसे का शिकार हो सकते हैं. एक्सप्रेसवे पर साइन बोर्ड न होने के चलते आप भ्रमित भी हो सकते हैं.
ईटीवी भारत ने रात के अंधेरे में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की हकीकत देखी तो इस एक्सप्रेसवे पर जगह-जगह पर सामान बिखरा पड़ा हुआ मिला. वहीं, आवारा जानवर भी टहलते दिखाई दिए. इस दौरान एक्सप्रेसवे पर काम भी होता पाया गया. इसके अलावा निर्माण कार्य के दौरान रेडियम लगाने की व्यवस्था है, जिससे कि दूर से ही वाहन चालकों को यह समझा आ जाए कि कहीं कुछ कार्य हो रहा है. लेकिन, रेडियम न लगने के कारण यहां पर निर्माण कार्य के लिए सड़कों पर खड़े वाहन और अन्य सामान नजर नहीं आता, जिससे हादसे होने का खतरा रहता है.