रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा में भूपेश सरकार के खिलाफ विपक्ष की ओर से लाया गया अविश्वास प्रस्ताव अस्वीकृत कर दिया गया. अविश्वास प्रस्ताव के दौरान विपक्ष के आरोपों पर मुख्यमंत्री के जवाब के दौरान ही विपक्ष हंगामा करने लगा और फिर बिना संबोधन पूरा हुए ही वॉकआउट कर दिया. सीएम ने अपने संबोधन में कहा कि अविश्वास प्रस्ताव के जरिए अपने काम को प्रदेश की जनता के सामने लाने का एक अच्छा मौका मिला.
बिना तथ्य के अविश्वास प्रस्ताव: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में कहा कि विपक्ष की तरफ से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के मुद्दों में कोई तथ्य नहीं है. प्रजातंत्र में विपक्ष का अधिकार होता है कि वे अविश्वास करे. सत्ता पक्ष के पास भी मौका होता है कि अपनी बात रखें. इन्होंने 109 आरोप लगाए पर कोई तथ्य नहीं दिए. पहले जब अविश्वास प्रस्ताव आता था तब नक्सली समस्या पर पहले बात होती थी. इस बार सदस्यों ने नहीं की. ये हमारी उपलब्धि है.
बस्तर बदल गया है: सीएम ने कहा आप इंद्रावती के उस पार गए क्या ये संभव था. ये इसलिए हुआ कि इस समस्या पर काम हुआ. अभी भेंट मुलाकात में बस्तर में रात रुका, सभी से मिला. जो सबसे बड़ा कमेंट मिला जिसने मेरे दिल को छू लिया. जैन समाज के लोगों से मैंने पूछा कि इन चार सालों में क्या फर्क आया. उन्होंने कहा कि रिश्ता करने में बस्तर में अब दिक्कत नहीं होती है.आसानी से लोग रिश्ता दे देते हैं क्योंकि बस्तर बदल गया है. पहले बस्तर में सड़कें काट दी जाती थी, आज सड़के काटी नहीं जाती, ये परिवर्तन बस्तर में देखने को मिला है.पिछली सरकार ने जो स्कूल बंद करा दिए थे, उसे हमने शुरू कराया.
बस्तर में राशन पहुंचाना भी पहले टेढ़ी खीर थी. अब कितना आसान हो गया है. ये बदलाव आया है. जब हमारी सरकार बनी तो हमने गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ की बात की. उन महापुरुषों को, कलाकारों और राजनीतिक दलों के लोगों को नमन करता हूं जिन्होंने छत्तीसगढ़ निर्माण में अपना योगदान दिया. परिवर्तन केवल सत्ता के लिए नहीं होना चाहिए. यह लोगों के जीवन में होना चाहिए. इसलिए परिवर्तन की मशाल लेकर हमारे नेता परिवर्तन यात्रा में निकले थे.
बस्तर, सरगुजा में परिवर्तन हुआ है.महिलाओं के जीवन मे बदलाव आया है. जब बच्चे फर्राटेदार इंग्लिश में बोलते हैं तब संतोष होता है. आरडी तिवारी स्कूल में पहले 56 बच्चे पढ़ रहे थे. अब हजार बच्चे पढ़ रहे हैं. अब ऐसे स्कूल नहीं चल रहे जो गुणवत्ता नहीं देते. लोग स्वामी आत्मानंद स्कूल में अपने बच्चों को प्रवेश दिला रहे हैं. बस्तर के बच्चों को शिक्षित कर दीजिए, सुपोषित कर दीजिए, वे अपनी जिंदगी स्वयं संवार लेंगे.