दिल्ली/रायपुर/कोरबा:सलाहकार विनोद वर्मा और ओएसडी पर ईडी कार्रवाई से सीएम बघेल भाजपा पर लगातार हमलावर हैं. रायपुर से लेकर दिल्ली तक की सियासत में ईडी का मुद्दा जोरशोर से उठा रहे हैं. सीएम भूपेश बघेल ने गुरुवार को दिल्ली में एआईसीसी मुख्यालय में प्रेसवार्ता की और केंद्र की भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. सीएम बघेल ने चुनावी साल में ईडी की कार्रवाई को लेकर भाजपा पर छत्तीसगढ़ की सरकार को दबाने और उसे बदनाम करने का आरोप लगाया है. सीएम बघेल के आरोपों पर भाजपा ने तंज करते हुए भ्रष्टाचार के तार सीएम से जुड़ने का दावा किया.
'पाटन में बीजेपी की ओर से ईडी और आईटी लड़ेगी चुनाव':सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि, "अभी कल ही मेरे राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा के यहां पहुंच गए. मेरे जो ओएसडी के घर पहुंच गए. मिला कुछ नहीं. दिनभर बिठाकर रखे. इसका मतलब ये है कि अब पाटन में भारतीय जनता पार्टी का प्रत्याशी नहीं लड़ेगा. बल्कि ईडी और आईटी लड़ेगी."
'आईटी और ईडी ने खुद मानी अपनी नाकामी': छत्तीसगढ़ में आईटी और ईडी की कार्रवाई को लेकर सीएम बघेल ने कहा, "पहले आईटी ने छापा डाला, फिर ईडी घुसी. अब वो कोर्ट में अप्लीकेशन लगाए हैं कि इसमें अब सीबीआई जांच होनी चाहिए. साढ़े तीन साल जांच करने के बाद, सुप्रीम कोर्ट से जांच पर रोक लगाने के बाद नोएडा में एफआईआर भी होता है और उसके बाद बिलासपुर हाईकोर्ट में अप्लीकेशन लगाते हैं कि इसकी सीबीआई जांच की जाए. इसका मतलब ये है कि आईटी और ईडी दोनों अक्षम हैं. दोनों नाकारा हैं. उन्होंने अब खुद स्वीकार कर लिया है उन्हीं केसों में सीबीआई जांच की मांग करके."
ये घरों में जाते हैं. सबसे पहले मोबाइल जब्त करते हैं. फिर घर में जो संपत्ति है, जो रुपया नकद है, ज्वेलरी है, उसको सीज करते हैं. बैंक खाते सीज करते हैं. डायरी वगैरह भी हो या कच्चे में कुछ लिखा हो, सबको पकड़ते हैं. 5-6 दिन तक ये घर में बंधक बनाकर रखते हैं. चाहे वह वृद्ध माता पिता हों, बीमार हों, उससे उनको कोई लेना देना नहीं है. बैठे रहेंगे. सवाल तो इनके पास होते नहीं और जब तक ऊपर से आदेश नहीं होगा ये खाली नहीं करते. फिर वो राजनीतिक सवाल करना शुरू करते हैं. -भूपेश बघेल, सीएम, छत्तीसगढ़
झारखंड की हार के बाद छत्तीसगढ़ में रेड की शुरुआत: सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि, "ये सिलसिला शुरू होता है जुलाई 2020 से. झारखंड चुनाव में बुरी तरह से मात खाने के बाद इन लोगों ने इसकी शुरूआत की. आईटी ने रेड डाला, शराब घोटाला के नाम से प्रचारित किया गया. इस शराब घोटाले में 2019 और 2020 में कैग की रिपोर्ट भी है. वहां उन्होंने जांच भी की. उसके बाद ढाई साल तक ये चुप रहे. चुनाव नजदीक आते ही ईडी सक्रिय होती है और फिर से उन्हीं लोगों को बुलाते हैं.
नकली होलोग्राम बनाने वालों पर कार्रवाई न करने का आरोप:ईडी ने 2168 करोड़ के घोटाले का दावा किया है. ये भी कहा गया कि नकली होलोग्राम का प्रयोग किया गया. सीएम बघेल के मुताबिक, "नकली होलोग्राम का यदि प्रयोग हुआ तो जो डिस्टलर है, वही तो करेगा. उसकी फैक्ट्री में तो होगा. लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी, बचत लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी. उसके घर में ज्वेलरी भी पाए, नकद रुपये भी पाए, किसी को जब्त नहीं किया गया. कहा गया कि 2168 करोड़ का घोटाला हुआ और चल अचल संपत्ति 2018 के पहले का भी जब्त करने के बाद भी 200 करोड़ के आसपास की संपत्ति नहीं हुई. जबकि इस दौरान 2018 के बाद जब हमारी सरकार बनी, आबकारी विभाग की रेवेन्यू को 3900 करोड़ थी, अब बढ़कर 6500 करोड़ हो गई है."
'रेवेन्यू बढ़ी तो फिर नुकसान भला कैसे हुआ': सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि, "ईडी ने आरोप लगाया कि राज्य के खजाने को नुकसान पहुंचाया गया. जबकि रेवेन्यू 3900 करोड़ से 6500 करोड़ हुई. आज तक उस 2168 करोड़ में से केवल 200 करोड़, वो भी पैतृक संपत्ति, 2018 से पहले की अर्जित आय को जोड़कर भी 200 नहीं बना. कोल स्कैम का आरोप लगाया, 500 करोड़. एफआईआर दर्ज हुआ कर्नाटक में, फिर दर्ज हो गया भोपाल में, अभी नोएडा में भी हुआ. उसके बाद 4 बार वो सप्लीमेंट्री चालान प्रस्तुत कर चुके हैं. चल अचल संपत्ति सब मिलाकर अभी तक 150 करोड़ पहुंचा है. यानी आरोप 500 करोड़ का है, लेकिन संपत्ति 150 करोड़. वो बता ही नहीं पा रहे."