चंडीगढ़:बठिंडा मिलिट्री स्टेशन में बुधवार सुबह हुई फायरिंग मामले में बठिंडा पुलिस ने गिरफ्तार किया है. फायरिंग की इस घटना में 4 जवानों की मौत हो गई थी, उसके बाद से ही बठिंडा पुलिस हमला करने वाले आरोपी को पकड़ने के प्रयास कर रही थी. हालांकि, पुलिस की ओर से अभी तक इसका खुलासा नहीं किया गया है. लेकिन खबर है कि बठिंडा पुलिस आज दोपहर 12 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मामले का खुलासा कर सकती है.
सेना के दक्षिण पश्चिमी कमान मुख्यालय ने कहा है कि गिरफ्तार गनर देसाई मोहन से लगातार पूछताछ की जा रही है. आरोपी गनर ने इंसास राइफल चोरी करने और अपने चार सहयोगियों की हत्या करने की बात कबूल कर ली है. प्रारंभिक जांच पता चला है कि गनर ने आपसी विवाद के चलते इस घटना को अंजाम दिया था. इस घटना का कोई आतंकी कोण नहीं है. उन्होंने कहा कि आरोपी गनर गवाह बनकर गुमराह कर रहा था.
आरोपी जवान ने अपना जुर्म कबूला: एसएसपी गुलनीत सिंह खुराना ने बताया कि पंजाब पुलिस की टीम घटना की जांच कर रही है. विवेचना के दौरान जब गनर देसाई मोहन को विवेचना में शामिल कर कड़ी पूछताछ की तो आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है. उसने निजी कारणों से चार जवानों को मारने के लिए पहले राइफल चुराई, फिर उसी राइफल से चारों की हत्या कर दी.
आपको बता दें कि बठिंडा मिलिट्री स्टेशन में बुधवार सुबह फायरिंग की गई थी. इस हमले में चार जवानों की मौत हो गई थी. हमले के बाद पूरे इलाके में घेरा बंदी कर सील कर दिया गया था. बठिंडा पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक फायरिंग करने वाला आरोपी जवान सिविल ड्रेस में था. पुलिस ने बताया कि फायरिंग की घटना के कुछ दिन पहले मिलिट्री स्टेशन पर फायरिंग से एक इंसास राइफल और 28 राउंड कारतूस गायब हुए थे. ऐसे में पुलिस की ओर से शक जताया गया था कि फायरिंग की इस घटना में उसी राइफल का इस्तेमाल किया गया. पुलिस की माने तो हमलावर अंधेरे का फायदा उठाकर मौके से भागने में कामयाब हो गया था.
रक्षा विशेषज्ञ कर्नल डॉ. डीएस ग्रेवाल की ओर से कहा गया था कि मिलिट्री स्टेशन में हुई फायरिंग की यह घटना जवानों के आपसी विवाद का मामला है. उन्होंने यह भी कहा था कि सेना में काफी तनाव होता है, जिस कारण इस तहत की घटनाएं होती हैं.
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बठिंडा मिलिट्री स्टेशन पर हुई इस फायरिंग की घटना को लेकर पंजाब पुलिस पहले ही कहा था कि यह घटना आतंकी नहीं है. यह जवानों के आपसी विवाद का मामला हो सकता है. मृत जवानों में दो जवान तमिलनाडु के और दो जवान कर्नाटक के शामिल थे. मृत जवानों के नाम ड्राइवर एमटी कमलेश आर, ड्राइवर एमटी संतोष एम नागरा, ड्राइवर एमटी सागर बन्ने और गनर योगेश कुमार था.