जयपुर. पुलवामा शहीदों की पत्नियों को पुलिस ने रात 3 बजे धरना स्थल से हटाकर उनके घर पहुंचा दिया. साथ ही बीजेपी के राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा के समर्थकों पुलिस ने हिरासत में लिया है. ये लोग वीरांगनाओं के साथ धरना स्थल पर समर्थन में बैठे थे. पुलिस ने हिरासत में लिए समर्थकों को जयपुर से बाहर महिंद्रा सेज थाने पर ले गई है. वहीं, अपने समर्थकों की पुलिस हिरासत की सूचना मिलने के बाद किरोड़ी लाल मीणा सेज थाने पहुंचे गए. इनके हिरासत के खिलाफ में थाने के बाहर ही धरने पर बैठ गए. इधर, राज्यसभा सांसद मीणा के धरने पर बैठते ही थाने के आसपास भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.
पुलिस ने कहा गिरफ्तार नहीं किया: शहीद की वीरांगनाओं को धरना स्थल से हटाने पर पुलिस ने अपना तर्क दिया. डीसीपी योगेश गोयल ने कहा कि वीरांगनाओं की तबीयत खराब हो गई थी. उपचार के लिए अस्पतालों में भेजा गया है. डीसीपी ने कहा, तीनों वीरांगनाओं मंजू लांबा, मधुबाला मीणा और सुंदरी देवी का धरना स्थल पर मेडिकल जांच किया गया, जिसमें उनकी तबीयत नासाज बताई गई. उन्होंने कहा कि तब जाकर आधी रात को धरना स्थल से उन्हें उनकी जिले के अस्पताल में इलाज के लिए भेज गया.
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दरअसल, राजधानी जयपुर में पिछले 11 दिन से वीरांगनाएं धरना दे रही हैं. पिछले 3 दिन से तीनों वीरांगनाएं और राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के घर के बाहर धरने पर बैठे थे. सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने तीनों वीरांगनाओं के साथ गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास की तरफ कूच किया था. जिसके बाद भारी हंगामा हुआ था. हालांकि, बीजेपी के राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा 28 फरवरी से शहीद स्मारक पर धरना दे रहे थे, लेकिन 6 मार्च को पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बंगले पर वीरांगनाओं के साथ पहुंच गए थे और धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया था.
वीरांगनाओं की ये है मांग : पुलवामा हमले में शहीद जवानों की पत्नियां धरने दे रही हैं. शहीद जवान रोहिताश लांबा की पत्नी मंजू. जीतराम गुर्जर की पत्नी सुंदरी देवी धरना दे रही हैं. उनकी मांग हैं कि कॉलेज और स्कूल का नाम उनके शहीद पति के नाम से हो. उनकी मांग है कि आश्रितों को मिलने वाली नौकरी उनके देवर को दी जाए. पुलवामा अटैक में शहीद हेमराज मीणा की पत्नी मधुबाला मीणा की चाहती हैं कि सांगोद चौराहे पर उनके पति की मूर्ति लगाई जाए. साथ ही एक स्कूल का नामकरण शहीदों के नाम पर हो.